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Articles by जेनिफ़र बेन्सन शुल्ट्ज

उसकी बाँहों में सुरक्षित

मेरी पुत्री के शल्यचिकित्सा पश्चात् मैं पुनर्लाभ कमरे में उसके बिस्तर के निकट बैठी थी l ऑंखें खुलने पर उसने महसूस किया वह व्याकुल है और वह रोने लगी l मैंने उसके हाथों को सहलाकर उसे पुनःआश्वस्त किया, किन्तु वह और बेचैन हो गयी l नर्स की सहायता से मैंने उसे अपने गोद में ले लिया l मैंने उसके आंसू…

बाड़े को स्पर्श न करें!

बचपन में मैं अपने माता-पिता के संग अपनी नानी से मिलने गयी जो एक फार्म में रहती थी। उनका आहाता विद्युत बाड़े से घिरा था, जिससे गाय उनके अहाते का घास न चर सकें। बाहर खेलने की अनुमति मिल गयी, किन्तु समझाया कि बाड़े को छूने का परिणाम विद्युत झटका था।

दुर्भाग्यवश, चेतावनी पर ध्यान नहीं देकर मैंने अपनी उंगलियाँ…

मन की दृष्टि

सेवानिवृत भौतिक विज्ञानी अरे वेन्ट रीट असामान्य तरीके से कलाकृति रचते हैं। वह वनस्पति और मरे जानवरों को विभिन्न संघटकों में रखकर उनका एक्स रे लेते हैं। वे विकसित एक्स-रे को कम्प्यूटर में स्कैन करते हैं और अपने तस्वीरों के विभिन्न भागों में रंग भरते हैं। उनकी कलाकृति फुल, मछली, पक्षी, रेंगनेवाले जन्तु, और बन्दरों की आन्तरिक जटिलताएँ प्रगट करती…

लापरवाह शब्द

मैं लगभग आधे घण्टे से गाड़ी चला रहा था जब अचानक मेरी बेटी रोने-चिल्लाने लगी। मैंने पूछा, “क्या हुआ?“ उसने कहा उसके भाई ने उसकी बाँहें पकड़ ली थी। भाई ने कहा उसने उसको चुटकी भरी थी। उसने कहा कि उसने चुटकी भरी क्योंकि उसने कुछ बुरा बोला था।

दुर्भाग्यवश, बच्चों के मध्य सामान्य नमूना, वयस्क सम्बन्धों में भी दिखता…

दर्शन की घाटी

नैतिकवादियों की प्रार्थना “दर्शन की घाटी” पापी और पवित्र परमेश्वर के बीच की दूरी बताती है । मनुष्य परमेश्वर से कहता है, “आप मुझे पाप के पहाड़ों से घिरे दर्शन की घाटी में ले आए हैं ....; जहाँ से मैं आपकी महिमा देखता हूँ ।” अपनी गलतियों से अवगत्, मनुष्य आशावादी है । वह आगे कहता है, “गहरे कूँओं से…

एक मक्खी से ताकीद

जिस छोटे दफ्तर को मैंने किराये पर लिया, वहाँ केवल कुछ निरुदेश्य मक्खियाँ रहती थीं । कुछ मक्खियाँ मर गईं थीं और चारों ओर दीवारों एवं खिड़कियों पर बिखरीं हुईं थीं । मैं एक को सामने छोड़कर बाकी हटा दिए ।

यह मृत मक्खी मुझे अच्छे से प्रतिदिन व्यतीत करना सिखाती है । मृत्यु जीवन की एक सर्वोत्तम ताकीद है,…