आशीष की घाटी
फ़्रांसीसी कलाकार हेनरी मातिस्से के अनुसार उसके जीवन के अंतिम वर्षों के उसके कार्य उसका सही निरूपण थे l उन दिनों में उसने एक नयी शैली में रंग के स्थान पर कागज़ की सहायता से रंगीन, लम्बे तस्वीर बनाए l उसने इन तस्वीरों से अपने कमरे के दीवार सजाए l कैंसर से पीड़ित होने के कारण यह महत्वपूर्ण था क्योंकि वह ज्यादातर बिस्तर पर सीमित रहता था l
बीमारी, नौकरी खो देना, या कोई बड़ी मुसीबत कुछ उदहारण हैं जिसे कुछ लोग “घाटी में रहना,” कहते हैं, जहाँ खौफ की छाया रहती है l यहूदा के लोग आक्रामक सेना को आते देख ऐसा ही अनुभव किया (2 इतिहास 20:2-3) l उनके राजा ने प्रार्थना की, “यदि ... विपत्ति हम पर पड़े, तौभी हम ... तेरी दोहाई देंगे, और तू सुनकर बचाएगा” (पद.9) l परमेश्वर ने उत्तर दिया, “कल [अपने शत्रुओं का] सामना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा” (पद.17) l
यहूदा की सेना के युद्धभूमि में आने से पूर्व, उनके शत्रु अपना नाश कर डाले l परमेश्वर के लोगों ने तीन दिनों तक परित्यक्त सामग्री, कपड़े और महत्वपूर्ण वस्तुएँ इकट्ठे किये l उस स्थान को छोड़ने से पूर्व वे मिलकर परमेश्वर की प्रशंसा की और उस स्थान का नाम “बराका की तराई,” अर्थात् “आशीष” रखा l
परमेश्वर हमारे जीवनों के निम्नतम बिंदु में भी साथ रहता है l वह इन घाटियों में आशीष देता है l
जैसा प्रतीत नहीं होता
डॉन, दक्षिणी लानकशायर, स्कॉटलैंड के एक फार्म में रहनेवाला एक बार्डर कुली है l एक दिन उसका मालिक और वह, एक छोटे वाहन में कुछ पशुओं को देखने गए l टॉम, वाहन में ब्रेक लगाना भूलकर नीच उतार गया l डॉन, चालक के सीट पर बैठा था और वाहन सुरक्षित रुकने से पूर्व, ढलान पर और आगे दो पंक्तियों के यातायात में धीमी चलती गई l मोटर-चालकों को लगा जैसे कोई कुत्ता सुबह की सैर करने निकला है l बिल्कुल, बातें हमेशा जैसी होती हैं, वैसी दिखती नहीं l
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे एलिशा और उसके सेवक को गिरफ्तार करके आराम के राजा के पास पहुंचाया जाएगा l राजा की सेना ने शहर को चारों ओर से घेर लिया था जहां एलिशा और उसका सेवक थे l सेवक का मानना था कि मृत्यु निकट है, किन्तु एलिशा ने कहा, “मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह [शत्रु] ... से अधिक हैं” (2 राजा 6:16) l एलिशा की प्रार्थना पश्चात, सेवक स्वर्गिक सेना को उनकी सुरक्षा के लिए अपना मोर्चा संभाले देखा l
स्थितियाँ जो आशाहीन दिखाई देती हैं हमेशा वैसी नहीं होतीं जैसी हमें दिखती हैं l जब हम अभिभूत और संख्या में थोड़े महसूस करते हैं, हम स्मरण रखें परमेश्वर हमारी ओर है l वह “अपने दूतों को [हमारे] निमित्त आज्ञा [देगा] [कि वह हमारी] रक्षा करें” (भजन 91:11) l
परमेश्वर के साथ एकाकी
चर्च के कमरे में जहाँ मैं मदद कर रही थी एक व्यस्त सुबह थी l करीब एक दर्जन बच्चे चहक और खेल रहे थे l गतिविधियों के कारण कमरा गर्म हो गया और मैंने दरवाजा खोल दी l एक छोटा बच्चा यह सोचकर बाहर निकलना चाहा कि कोई उसे नहीं देख रहा है l मैं चौंकी नहीं, कि वह सीधे अपने पापा की बांहों में गया l
उस बच्चे ने वही किया जो ज़रूरी है जब जीवन व्यस्त और अभिभूत करता है-वह अपने पापा के पास भागा l यीशु भी अपने पिता के साथ प्रार्थना का समय ढूंढ़ता था l कुछ लोग कहेंगे कि उसको कमज़ोर करनेवाली मानवीय ऊर्जा की कमी को वह इसी तरह पूरा करता था l मत्ती रचित सुसमाचार के अनुसार वह एकान्त स्थान में जा रहा था जब भीड़ उसके पीछे थी l उनकी ज़रूरतों को जानकार, यीशु ने आश्चर्यजनक रूप से उनको चंगा किया और भोजन खिलाया l उसके बाद, हालाँकि, वह “प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया” (पद.23) l
यीशु ने बार-बार लोगों की मदद की, किन्तु खुद को थकित नहीं होने दिया और जल्दबाजी नहीं की l उसने प्रार्थना द्वारा परमेश्वर के साथ अपने सम्बन्ध को मजबूत किया l आपके साथ कैसा है? क्या आप परमेश्वर की सामर्थ्य और पूर्णता प्राप्त करने हेतु उसके साथ समय बिताएंगे?
ज्योति में रहना
अंधकारमय सुबह, आसमान में स्टील के रंग के बादल, वातावरण अँधेरा होने के कारण मुझे पुस्तक पढ़ने के लिए बत्ती जलानी पड़ी l मेरे कमरे में आराम करने आया ही था जब कमरा प्रकाशित हो गया l मैंने देखा कि हवा बादलों को पूरब की ओर उड़ा ले जा रही थी, आकाश साफ़ हो रहा था और सूरज दिखाई देने लगा था l
जब मैं यह दृश्य देखने खिड़की तक गया, एक विचार आया : “अन्धकार मिटता जाता है और सत्य की ज्योति अब चमकने लगी है” (1 यूहन्ना 2:8) l प्रेरित यूहन्ना ने विश्वासियों को प्रोत्साहित करने हेतु ये शब्द लिखे l वह आगे कहता है, “जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता” (पद.10) l तुलनात्मक रूप से, उसने घृणा करने वालों की तुलना अँधेरे में चलनेवालों से किया l घृणा दिशा भ्रमित करता है; वह हमारी नैतिक दिशा बोध छीन लेता है l
लोगों से प्रेम करना सरल नहीं है l किन्तु खिड़की से देखते हुए मैंने निराशा, क्षमा, और विश्वासयोग्यता को परमेश्वर के प्रेम और ज्योति में बने रहने का परिणाम महसूस किया l घृणा के बदले प्रेम का चुनाव करके, हम उसके साथ अपने सम्बन्ध दर्शाते हैं और अपने चारों ओर के संसार तक उसका प्रकाश चमकाते हैं l “परमेश्वर ज्योति है और उसमें कुछ भी अन्धकार नहीं” (1 यूहन्ना 1:5) l
अब सब एक मन
ऑस्ट्रेलिया, पर्थ में ट्रेन में चढ़ते समय निकोलस टेलर का पाँव रेल और प्लेटफार्म के बीच दरार में फंस गया l सुरक्षा अधिकारियों के असफल होने पर, उन्होंने 50 लोगों के समन्वित प्रयास से रेल के डिब्बे को झुकाकर उसका पाँव निकाल दिया l एकता द्वारा, उन्होंने टेलर का पाँव निकाल दिया l
आरंभिक कलीसियाओं को लिखते हुए प्रेरित पौलुस ने मसीहियों की समन्वित सामर्थ्य को पहचाना l उसने रोमी विश्वासियों को उसी तरह परस्पर स्वीकारने के लिए आग्रह किया जैसे मसीह ने उनको स्वीकार था, “... परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो l ताकि तुम एक मन और एक स्वर में हमारे प्रभु मसीह के पिता परमेश्वर की स्तुति करो” (रोमियों 15:5-6) l
दूसरे विश्वासियों के साथ एकता हमें परमेश्वर की महानता बताने में और सताव सहने में मदद करता है l जानते हुए कि फिलिप्पियों को अपने विश्वास के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी, पौलुस ने उनसे “एक चित्त होकर सुसमाचार के विश्वास के लिए परिश्रम करते [रहने] और किसी बात में भय नहीं [खाने]” हेतु उत्साहित किया (फ़िलि. 1:27-28) l
शैतान को तोड़ना और अधीन करना पसंद है, किन्तु उसके प्रयास परमेश्वर की मदद से ख़त्म होते हैं, जब हम “मेल के बंधन में आत्मा की एकता रखने का यत्न [करते हैं] (इफि. 4:3) l
सही दृष्टि
रेले शक्तिशाली कुत्ता है-बड़ा, बलवान, शरीर अत्यधिक रोएंदार, वजन 100 पौंड से अधिक! बावजूद इसके, रेले प्रेमी है l उसका मालिक लोगों की ख़ुशी के लिए उसे नर्सिंग होम्स और हॉस्पिटल ले जाता है l
एक दिन एक चार वर्षीय लड़की ने रेले पर हाथ फेरने से डरती थी l आख़िरकार, डर समाप्त हुआ और उसने कई मिनट तक उससे बातें कर उस पर हाथ फेरे l उसने जाना कि वह शक्तिशाली होकर भी विनम्र प्राणी है l
इन गुणों का मेल मुझे यीशु का स्मरण करता है l यीशु सुगम्य था-उसने छोटे बच्चों का स्वागत किया (मत्ती 19:13-15) l वह कठिन स्थिति में व्यभिचारिणी के साथ दयालु था (यूहन्ना 8:1-11) l करुणा ने उसे भीड़ को सिखाने को प्रेरित किया (मरकुस 6::34) l इसके साथ, यीशु की शक्ति विस्मयकारक थी l उसका दुष्टात्मा को अधीन करना, प्रचंड आंधी को शांत करना, मृतकों को जिलाना, से लोग ठगे से रह गए! (मरकुस 1:21-34; 4:35-41; यूहन्ना 11) l
यीशु के प्रति हमारा दृष्टिकोण उसके साथ हमारा सम्बन्ध निर्धारित करता है l उसकी सामर्थ्य पर केन्द्रित होकर, हम उसको लौकिक पुस्तक सुपर नायक से पृथक आदर देंगे l किन्तु उसकी दया पर अत्यधिक बल देकर, हम अत्यधिक लापरवाही से उसके साथ व्यवहार करने का जोखिम उठाएंगे l सच्चाई यह है कि यीशु एक ही समय दोनों है-हमारी आज्ञाकारिता के लिए महान फिर भी हमें मित्र कहने के लिए नम्र l
मेरे निकट आओ
स्थानीय उद्यान में घूमते समय दो खुले कुत्तों से मेरे बच्चों का और मेरा सामना हुआ l उन मालिक ध्यान नहीं दे रहा था कि एक ने मेरे बेटे को डरना आरंभ कर दिया था l मेरे बेटे ने कुत्ते को भगाने की कोशिश की, किन्तु वह पशु उसे और भी परेशान करने लगा l
मेरा बेटा घबरा गया l वह कई गज़ पीछे हटा, किन्तु कुत्ते ने उसका पीछा किया l वह कुत्ता मेरे चिल्लाने तक, “मेरे निकट आओ!,” मेरे बेटे का पीछा करता रहा l मेरा बेटा शांत होकर मेरे पीछे छिप गया, और अनन्तः कुत्ता कहीं और शैतानी करने चला गया l
हमारे जीवनों में ऐसे क्षण होते हैं जब परमेश्वर हमसे कहता है, “मेरे निकट आओ!” हमारे निकट कुछ परेशानी है l हम जितनी गति से और जितनी दूर भागते हैं, वह उतना ही हमारे अति निकट आता है l हम उससे छुटकारा नहीं पा सकते हैं l हम लौटने और उसका सामना स्वयं करने में अति भयभीत होते हैं l किन्तु वास्तव में हम अकेले नहीं हैं l परमेश्वर वहाँ हमें मदद और ढाढ़स देने हेतु मौजूद है l हमें मुड़कर उसकी ओर लौटना है l उसका वचन कहता है, “यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है , धर्मी उसमें भागकर सब दुर्घटनाओं से बचता है” (नीतिवचन 18:10) l
परिवर्तन का चुनाव
मेरे पुत्र ने एक रोबोट प्राप्त कर उससे सरल काम करवाए l रोबोट आगे पीछे चला रुका, बीप की आवाज़ निकाला और रिकॉर्ड की हुई आवाज़ पुनः सुनाया l उसने मेरे पुत्र के बताए हुए सब काम किये l वह अनायास कभी नहीं हँसा या किसी अनियोजित दिशा में मुड़ा l उसके पास कोई चुनाव नहीं था l
परमेश्वर ने…
जीवन भर का प्रशंसक
ओक्लाहोमा का एक 12 वर्षीय लड़का, केड पोप, ने अमरीका के राष्ट्रीय फुटबॉल लीग(NFL) टीम के हर अधिकारी को 32 हस्तलिखित पत्र लिखे l केड ने लिखा, “मेरा परिवार और मैं फुटबॉल पसंद करते हैं l हम काल्पनिक फुटबॉल खेलते हैं और वह खेल हर सप्ताहांत देखते हैं ... मैं एक NFL टीम को चुनने जा रहा हूँ जिसका मैं…