अमरीकी तैराकी डारा टोरस की आजीविका उल्लेखनीय थी, 1984 से 2008 तक, पाँच विभिन्न ओलंपिक्स में भागीदारी । अपनी आजीविका के बाद के वर्षों में, टोरस ने 50 मीटर फ्री-स्टाइल अमरीकी कीर्तिमान तोड़ी-जिसे उसने स्वयं 25 वर्ष पहले स्थापित किया था । किन्तु यह हमेशा मेडल और कीर्तिमान की बात नहीं थी । टोरस ने अपने एथेलेटिक आजीविका में बाधाओं का सामना किया: चोट, शल्यचिकित्सा, और साथ ही उससे उम्र में दोगुने दूसरे प्रतिद्वंदियों से सामना । उसने कहा, “बचपन से ही मैं हमेशा, प्रतिदिन जीतना चाहती थी, .. नाकामयाबियों का अच्छा पहलू होता है; ये नये सपनों को बल देते हैं ।”
“नाकामयाबियों का अच्छा पहलू होता है” यह जीवन का महान पाठ है । टोरस के संघर्ष ने उसे नई ऊँचाईयाँ छूना सिखाया । उनमें एक आध्यात्मिक लाभ भी है । जैसे याकूब कहता है, “जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, …. कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है” (याकूब 1:2-3) ।
जीवन की कठिनाईयों के प्रति ऐसा परिप्रेक्ष्य अपनाना कठिन, किन्तु फायदेमन्द । संघर्ष हमें परमेश्वर के साथ गहरे सम्बन्ध बनाना सिखाती है । वे हमें धीरज सीखाती है, अर्थात् परमेश्वर से सहन करने और भरोसा करने की शक्ति प्राप्त करने हेतु इन्तजार करना ।
भजनकार हमें ताकीद देता है, “यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बाँध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हाँ!”(भजन 27:14)।