मैं डिजिटल पत्रिकाओं को पढ़ने की आदि हो रही हूँ, और मैं अच्छा महसूस करती हूँ कि मैं पेड़ बचा रही हूँ। इसके साथ, मुझे पत्रिका का डाक से आने का इन्तजा़र नहीं करना होता है। हालाँकि, मैं, मुद्रित संस्करण की कमी महसूस करती हूँ क्योंकि चिकने पृष्ठों पर उंगलियाँ फेरना और पसन्दीदा व्यंजन के हिस्से काटना मुझे पसन्द है।

मेरे पठन उपकरण में मेरे पास बाइबिल का डिजिटल संस्करण भी है। किन्तु फिर भी मेरे पास मुद्रित बाइबिल है-जिसे कई बार मैंने रेखांकित की है और पढ़ी है। हम मुद्रित पृष्ठ का भविष्य नहीं जानते, किन्तु एक बात हम जानते हैं: परमेश्वर के वचन के लिए सर्वोत्तम स्थान मोबाइल फोन, इलेक्ट्रोनिक्स पठन उपकरण, अथवा बिस्तर के निकट की मेज नहीं है।

भजन 119 में हम वचन को अपने हृदय में संजोये रखने के विषय पढ़ते हैं: “मैंने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है“(पद.11)। परमेश्वर के वचन का मनन, उसके विषय अधिक जानना, और अपने दैनिक जीवनों में उनका अभ्यास करना अतुलनीय है। उसके वचन का सर्वोत्तम स्थान हमारे प्राण/आत्मा की गहरायी है।

हमारे पास परमेश्वर का वचन नहीं पढ़ने, मनन नहीं करने अथवा याद नहीं करने के अनेक बहाने हो सकते हैं, किन्तु वह हमारी जरुरत है। मेरी प्रार्थना है कि परमेश्वर अपने वचन को सर्वोत्तम सम्भव स्थान-हमारे हृदयों-में संचय करने में सहायता करेगा।