अपने शहर में एक उत्सव के दौरान आतिशबाजी देखते समय, मैं विचलित हो गयी l उस मुख्य अवसर की दाहिनी एवं बांयी ओर, कभी-कभी आसमान में छोटी आतिशबाजी दिखाई दे रही थी l वे अच्छी थीं, किन्तु उनको देखने के कारण मैं मुख्य आतिशबाजी के कुछ मुख्य भाग देख न सकी l

कभी-कभी अच्छी वस्तुएं हमसे सर्वोत्तम छीन लेती हैं l यह मार्था के जीवन में हुआ, जिसकी कहानी लूका 10:38-42 में है l जब यीशु अपने शिष्यों के संग बैतनियाह में पहुँचा, मार्था ने उन्हें अपने घर में उतारा l अच्छा मेज़बान होने का अर्थ किसी अतिथि के लिए स्वादिष्ट भोजन पकाना था, इसलिए हम मार्था के साथ अधिक सख्त न हों l

जब मार्था ने यीशु से अपनी बहन मरियम के विषय शिकायत की कि वह उसकी सहायता नहीं कर रही है, यीशु ने मरियम का उसके पांवों के निकट बैठने के उसके चुनाव का समर्थन किया l किन्तु यीशु का कहना यह नहीं था कि मरियम अपनी बहन मार्था से अधिक धर्मी है l एक अवसर पर मार्था यीशु में मरियम से अधिक भरोसा दिखाई थी (यूहन्ना 11:19-20) l और वह उनके भौतिक ज़रूरत का ध्यान रखनेवाली मार्था के विषय आलोचनात्मक नहीं था l बल्कि, प्रभु चाहता था कि मार्था यह जान ले कि हमारी सेवा की व्यस्तता में उसकी सुनना मुख्य घटना होनी चाहिए l