न्यू यॉर्क टाइम्स के एक लेखानुसार, अफ़्रीकी बच्चों का नामकरण प्रसिद्ध अतिथि, विशेष अवसर, या परिस्थिति आधारित होता है जो माता-पिता के लिए अर्थपूर्ण था l डॉक्टरों का एक माता-पिता को बताने पर कि केवल परमेश्वर ही जानता है कि उनका बच्चा बीमारी से बचेगा या नहीं, उन्होंने उसका नाम रखा, परमेश्वर जानता है l एक अन्य व्यक्ति ने कहा उसका नाम पर्याप्त रखा गया, क्योंकि वह अपनी माँ के 13 बच्चों में अंतिम था! प्रत्येक के नाम के पीछे एक कारण है, किसी स्थिति में इसका कोई अर्थ है l
यीशु के जन्म से पूर्व, प्रभु के एक दूत ने युसूफ से कहा, “[मरियम] एक पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा”(मत्ती 1:21) l यीशु नाम यहोशू का यूनानी रूप है, अर्थात “प्रभु बचाता है l” उस युग और संस्कृति में अनेक बच्चों का नामकरण यीशु होता होगा, किन्तु एक ही संसार में मरने आया ताकि उसे स्वीकार करनेवाले अनंत जीवन, क्षमा प्राप्ति और पाप की सामर्थ से स्वतंत्रता पायें l
क्रिसमस के निकट आने पर हम चार्ल्स वेस्ली का गीत गाते हैं : “आओ, प्रतीक्षित यीशु, लोगों को छुड़ाने जन्म लिया, भय और पाप से हमें छुडाएं; हमें विश्राम दें l”
यीशु हमारे अन्धकार को ज्योति में, निराशा को आशा में बदलने और हमें हमारे पापों से बचाने आया l