मिशिगन के हमारे क्षेत्र में अति शराद् ऋतू में, मौसम के विषय मिले-जुले भाव थे l जब बर्फीला शरद् ऋतू मार्च तक जारी रहा, लोगों का हिम के साथ मोह भंग हो गया और वे लम्बे समय तक कम तापमान नहीं चाहते थे l
फिर भी हिम की भव्य सुन्दरता मुझे चकित करता रही l यद्यपि मैं बेलचे से अपने वाहनमार्ग से बर्फ हटाती रहा, मैं इस श्वेत वस्तु से मोहित हुआ l एक दिन, हिमकण आसमान से पुराने हिम पर गिरते रहे l जब हमदोनों पति-पत्नी उस चमकीले दृश्य से होकर निकले, वह परिदृश्य ऐसा लग रही था मानो हीरे की धुल की फुहार हो l
वचन में, हिम के विभिन्न उद्देश्य बताए गए हैं l परमेश्वर इसे अपनी सृष्टि की महानता के प्रतीक स्वरुप भेजता है (अय्यूब 37:6; 38:22-23) l हिम से ढके पर्वत नीचे की शुष्क घाटियों को सींचते हैं l किन्तु इससे भी महत्वपूर्ण, परमेश्वर हिम को हमारी क्षमा का संकेत बताता है l यीशु का सुसमाचार हमारे पापों से शुद्ध होने का मार्ग बताता है और हमारे हृदयों को “हिम से भी अधिक श्वेत” बनाता है (भजन 51:7; यशा.1:18) l
अगली बार जब आप हिम देखें – वास्तविक जीवन अथवा चित्र में – परमेश्वर को क्षमा और पाप के दंड से छुटकारे के लिए धन्यवाद दें जो हमारे उद्धारकर्ता में विश्वास करनेवालों के लिए सुन्दर, स्वाभाविक उपहार है l