भजन 100 एक कलाकृति है जो हमें हमारे अदृश्य परमेश्वर का उत्सव मनाने में सहायक है l यद्यपि हमारी उपासना का केंद्र दृष्टि से परे है, उसके लोग उसे पहचान देते हैं l

एक कलाकार कूची और रंग के साथ इस भजन के शब्दों को एक चित्रफलक पर बनाता है l हमारी आँखों के सामने एक संसार दिखता है – “”सारी पृथ्वी के लोगों,” यहोवा का जयजयकार करते हैं (पद. 1) l आनंद l क्योंकि परमेश्वर का आनंद हमें मृत्यु से बचाता हैl उस आनंद के लिए जो उसके आगे धरा था,” यीशु ने क्रूस सही (इब्रा. 12:2) l

हमारी आँखें चित्रफलक पर चलती हुई सम्पूर्ण संसार की गायन मण्डली को “आनंद से,” “जयजयकार” करते देखती हैं (भजन 100:2) l हमारे स्वर्गिक पिता का हृदय प्रसन्न होता है जब उसके लोग उसके व्यक्तित्व और कार्य हेतु उसकी उपासना करते हैं l
उसके बाद हम अपने को सृष्टिकर्ता द्वारा धूल से बनाए हुए, और हरी चरागाहों में भेड़ की अगुवाई करते देखते हैं (पद. 3) l हमारे पास प्रेमी चरवाहा है l

अंततः, हम परमेश्वर का महान और महिमामय निवास देखते हैं – फाटक जिसमें होकर उसके बचाए हुए लोग धन्यवाद और प्रशंसा करते हुए उसके अदृश्य उपस्थिति में जाते हैं (पद. 4) l

हमारे परमेश्वर द्वारा प्रेरित कितनी सुन्दर तस्वीर l हमारा भला, प्रेमी, और विश्वासयोग्य परमेश्वर l हम उसकी महानता का उत्सव हमेशा मनाएँगे!