घाना में लोग हमेशा निधन-सुचना होर्डिंग्स और दीवारों पर लगाते हैं l शीघ्र चले गए, जीवन का उत्सव, और कैसा बड़ा सदमा जैसी सुर्खियाँ प्रियों की मृत्यु और अंतिम संस्कार की घोषणा करते हैं l एक मैंने पढ़ा-परिवर्तन की ओर – कब्र के परे जीवन दर्शाता है l
जब किसी प्रिय की मृत्यु होती है, जैसे मरियम और मार्था अपने भाई लाजर के लिए दुखित हुईं थीं हम भी होते हैं (यूहन्ना 11:17-27) l मृतक को याद करके हमारे हृदय टूटते हैं और हम विलाप करते हैं, जैसे यीशु अपने मित्र की मृत्यु पर रोया (पद.35) l
फिर भी, इस दुखित क्षण में यीशु ने मृत्यु के बाद जीवन के सम्बन्ध में एक आनंदप्रद बात कही : “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा” (पद.25) l
इस आधार पर हम दिवंगत विश्वासियों को अस्थाई विदाई देते हैं l क्योंकि वे “सदा प्रभु के साथ रहेंगे,” पौलुस कहता है (1थिस्स. 4:17) l जी हाँ, विदाई दुखद है, किन्तु हम आश्वस्त हैं कि वे प्रभु के सुरक्षित हाथों में हैं l
परिवर्तन की ओर बताता है कि हम केवल स्थान बदल रहे हैं l यद्यपि हमारे लिए जीवन का अंत संसार में होता है, हम यीशु के साथ अगले जीवन में सर्वदा और बेहतर जीवन जीएंगे l “इन बातों से एक दूसरे को शांति किया करो” (पद.18) l