संसद सदस्य और ब्रिटिश प्रमुख, जेम्स ओग्लेथोर्प (1696-1785) के पास एक महान शहर का दर्शन था l उत्तर अमरिकी शहर जोर्जिया से प्रेरित,उसने अपने दर्शानानुसार सवन्ना बनाया l उसने कई चौराहे अभिकल्पित किये, जिसमें हरित स्थान और चर्च और दुकानों के लिए निर्धारित स्थान के साथ घरों के लिए आरक्षित स्थान थे l ओग्लेथोर्प का खयाली सोच आज सुन्दर, संगठित शहर अमरीकी दक्षिण का एक गहना माना जाता है l

प्रकाशितवाक्य 21 में, यूहन्ना ने एक भिन्न शहर-नए यरूशलेम-का दर्शन देखा l उसने इस शहर की अभिकल्पना के विषय कम और उसमें रहनेवाले के चरित्र के विषय अधिक वर्णन किया l हमारे अनंत निवास का वर्णन करते हुए यूहन्ना ने लिखा, “मैंने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते हुए सुना , ‘देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है l वह उनके साथ डेरा करेगा l’” (पद.3) l और उसके (स्वयं परमेश्वर) वहाँ रहने से जो वहाँ नहीं था, वह स्थान महत्वपूर्ण बनता है l यशायाह 25:8 का सन्दर्भ देकर यूहन्ना लिखता है, “वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा, और इसके बाद मृत्यु न रहेगी” (पद. 4) l

अब मृत्यु नहीं! और “न विलाप, न पीड़ा l” हमारे सब दुःख की जगह सृष्टि के परमेश्वर की अद्भुत चंगाई देनेवाली उपस्थिति रहेगी l यीशु यह घर उससे क्षमा मांगनेवालों के लिए तैयार कर रहा है l