वह खुद को योद्धा पुकारती थी, किन्तु उसके बच्चे की दुर्घटना के बाद वह इस उपनाम से बचने लगी l उसके बच्चे के स्वस्थ्य होते समय वह प्रत्येक सप्ताह मित्रों के साथ बातचीत और प्रार्थना करने इकट्ठी होती थी, परमेश्वर से सहायता और चंगाई माँगती थी l अनेक महीनों तक अपना भय और चिंता प्रार्थना में रखने के बाद उसने पहचाना कि वह एक योद्धा से प्रार्थना योद्धा बन रही है l उसने जाना कि प्रभु उसे नया नाम दे रहा है l अनचाहे दुःख के संघर्ष से मसीह में उसकी पहचान गहरी हो रही थी l
पिरगमुन की कलीसिया को यीशु के पत्र में, प्रभु विश्वासियों को एक नया नाम लिखा हुआ एक श्वेत पत्थर देना चाहता है (प्रका. 2:17) l बाइबल के टीकाकार इसके अर्थ पर एक मत नहीं हैं, किन्तु बहुतों का मानना है कि शवेत पत्थर का अर्थ मसीह में हमारी स्वतंत्रता है l बाइबल के युग में, कचहरी में न्यायपीठ जो दोषी नहीं है, के लिए श्वेत पत्थर और दोषी के लिए काला पत्थर उपयोग करते थे l एक श्वेत पत्थर का धारक भोज में प्रवेश पाता था; उसी तरह, परमेश्वर का श्वेत पत्थर प्राप्त करनेवाले स्वर्गिक भोज में आमंत्रित हैं l यीशु की मृत्यु हमें स्वतंत्रता और नया जीवन देती है – और एक नया नाम l
आपके विचार से परमेश्वर आपको क्या नया नाम दे सकता है?