2015 की गर्मी में, प्रमास्तिश्काघात पीड़ित लोगों की ज़रूरतों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु 15 वर्षीय हन्टर ने अपने 8 वर्षीय भाई ब्रेडन को अपनी पीठ पर उठाकर 57 मील चला l ब्रेडन का वजन 60 पौंड होने के कारण हन्टर को खुद को सीधा करने हेतु बार-बार रुकना पड़ा, और शारीरिक परेशानी से बचने के लिए उसने विशेष प्रकार की गेलीस पहन रखी थी l हन्टर का कहना था कि मार्ग में गेलीस के आलावा लोगों की विशेष मदद मिली l “यदि लोग उत्साहित करते हुए हमारे साथ नहीं चलते, मैं पूरा नहीं कर पता … मेरे पैर थक गए थे, किन्तु मेरे मित्रों ने मुझे उठाया और मई कर सका … l” उसकी माँ ने इस दौरे को “ प्रमास्तिश्काघात डींगमार” कहा l”

पौलुस प्रेरित, जिसे हम सामर्थी और साहसी समझते हैं, को भी “सहारे” की ज़रूरत थी l रोमियों 16 में वह अनेक मददगारों की सूची देता है l उन्होंने उसके साथ-साथ सेवा की, उत्साहित किया, ज़रूरतें पूरी की, उसके लिए प्रार्थना की l वह फिबे; अपने सहयोगी, प्रिस्किल्ला और अक्विल्ला; रूफूस की माँ, जो उसके माँ की तरह थी; गयुस, जिसने पहुनाई की; और अन्य l

हम सब को सहारा देनेवाले मित्र चाहिए, और हम अनेक लोगों को जानते हैं जिन्हें उत्साह चाहिए l जैसे यीशु ने हमारी सहायता की और हमें थामा, हम भी दूसरों की मदद करें l