बच्चों के कार्यकर्त्ता ने इकठे बच्चों से कहा, “आज हम “नक़ल”  का खेल खेलना चाहते हैं l” मैं एक वस्तु का नाम लूँगा और तुम उसकी नक़ल करके बताना वह क्या करता है l तैयार? “मुर्गी!”  बच्चों ने अपनी बाहें फड़फड़ाए, और कुकरू-कूं किये l अब हाथी, फुटबॉल खिलाड़ी, और तब नर्तकी l अंत में येशु l  जबकि अनेक बच्चे हिचकिचाए, एक छः वर्षीय बच्चा बड़ी मुस्कराहट के साथ तुरंत स्वागत में अपनी बाहें फैला दी l मण्डली ने सराहा l

हम कितना शीघ्र भूल जाते हैं कि जीवन की दैनिक स्थिति में हमें यीशु की तरह बनना है l “इसलिए प्रिय बालकों के सामान परमेश्वर का अनुकरण करो, और प्रेम में चलो जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया, और हमारे लिए अपने आप को सुखदायक सुगंध के लिए परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया” (इफिसियों 5:1-2) l

प्रेरित पौलुस ने कठिन परिस्थिति में अपने विश्वास के व्यवहारिक प्रदर्शन के लिए थिस्सलुनीके के विश्वासियों को सराहा l “तुम … हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे,” पौलुस लिखता है l “यहाँ तक कि मकिदुनिया और अखाया के सब विश्वासियों के लिए तुम आदर्श बने” (1 थिस्स. 1:6-7) l

हममें यीशु का जीवन ही है जो इस संसार में हमें उसके सामान चलने में उत्साहित और योग्य करता है – परमेश्वर के प्रेम का सुसमाचार और सबके स्वागत के लिए खुली बाहें l