एमिली मित्रों को परिवार के संग धन्यवाद देना सुन रही थी l गैरी ने कहा, “हम बारी-बारी परमेश्वर के प्रति धन्यवाद का कारण बताते हैं l”
एक अन्य मित्र ने पारिवारिक धन्यवाद भोज और प्रार्थना समय का वर्णन करते हुए अपने पिता की मृत्यु पूर्व उनके साथ का समय याद किया, “यद्यपि पिता मनोभ्रंश(Dementia) पीड़ित थे, उनकी धन्यवाद की प्रार्थना स्पष्ट थी l” रैंडी ने बताया, “मेरा परिवार छुट्टी के दिन गाने का विशेष समय आयोजित करता है l मेरे दादा गाते चले जाते हैं!” अपने परिवार के विषय एमिली की उदासी और इर्ष्या बढ़ती गई, उसकी शिकायत थी : “हमारी परंपरा केवल पेरू पक्षी खाना, टेलेविज़न देखना होता है l”
एमिली ने अपने व्यवहार में असहजता महसूस करके खुद से पुछा, “तुम उस परिवार का हिस्सा हो l तुम दिन को बदलने के लिए क्या कुछ अलग कर सकती हो? दिन आने पर, उसने सब को अलग से धन्यवाद दिया कि वे उसकी बहन, भांजी, भाई, या पौत्री हैं l उन्होंने प्रेम अनुभव किया l यह कठिन था क्योंकि उसके परिवार में यह स्वाभाविक संवाद नहीं था, किन्तु ऐसा करके वह आनंदित हुई l
पौलुस ने लिखा, “तुम्हारे मुँह से … आवश्यकता के अनुसार वही निकले जो उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि उससे सुननेवालों पर अनुग्रह हो” (इफिसियों 4:29) l हमारे धन्यवाद के शब्द दूसरों को हमारे और परमेश्वर के प्रति महत्व का ताकीद देंगे l
मानव आत्मा एक उत्साहवर्धक शब्द सुनकर आशा से भर जाता है l