हममें से कितने प्रसिद्धि से आसक्त हैं-या तो खुद की प्रसिद्धि से अथवा प्रसिद्ध लोगों के जीवनों के विषय प्रत्येक जानकारी रखकर l अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक या फ़िल्मी दौरे l देर-रात्रि कार्यक्रम में उपस्थिति l ट्विटर पर लाखों प्रसंशक l
अमरीका में एक हाल ही के अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने इन्टरनेट पर छाए हुए एक विशेष विधि द्वारा प्रसिद्ध व्यक्तियों को श्रेणीबद्ध किया l यीशु इतिहास के सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति के रूप में सर्वोत्तम रहा l
फिर भी यीशु में प्रसिद्धि की चिंता कभी नहीं थी l उसने पृथ्वी पर रहते हुए प्रसिद्धि नहीं चाही (मत्ती 9:30; यूहन्ना 6:5)-यद्यपि प्रसिद्धि ने उसको ढूंढ लिया जब गलील के क्षेत्र में उसके विषय खबर फ़ैल गई (मरकुस 1:28; लूका 4:37) l
जहाँ भी यीशु गया भीड़ उसके चारों ओर थी l उसके आश्चर्यकर्मों ने लोगों को उसकी ओर खींचा l किन्तु लोंगों द्वारा उसको राजा बनाने की अवस्था में, वह वहाँ से चला गया (यूहन्ना 6:15) l अपने पिता से संयुक्त उद्देश्य में, वह निरंतर पिता की इच्छा और समय की ओर उन्मुख हुआ (4:34; 8:29; 12:23) l “[वह] यहाँ तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हाँ, क्रूस की मृत्यु भी सह ली” (फ़िलि. 2:8) l
प्रसिद्धि यीशु का लक्ष्य नहीं था l उसका उद्देश्य सरल था l परमेश्वर पुत्र के रूप में, वह विनम्रता, आज्ञाकारिता, और खुद से हमारे पापों के लिए अपने को बलिदान किया l
यीशु प्रसिद्ध होने नहीं, किन्तु हमारे पापों के लिए विनाम्रपुर्वक खुद को बलिदान करने आया l