उत्तरी इंगलैंड में एक शीतकालीन सभा में, एक व्यक्ति ने पूछा, “अभी तक आपका सर्वोत्तम क्रिसमस उपहार क्या रहा है?”

एक स्पोर्ट्स मैन अपने मित्र की ओर देखकर बोलना चाहा l “यह सरल है, कुछ वर्ष पूर्व, कॉलेज समाप्त करने के बाद मैं व्यवसायिक फूटबाल खेलने के लिए आश्वस्त था l असफल होने पर, मैं खीज गया l कड़वाहट ने मुझे कुतर दिया, और मैंने हर मददगार के साथ कड़वाहट बांटी l”

उसने कहा, “अगले क्रिसमस में-एक दूसरा मौसम फूटबाल के बगैर-मैं इस मित्र के चर्च में क्रिसमस नाटक देखने गया, और अपने मित्र की ओर इशारा किया l “मैं यीशु को चाहता था, इसलिए नहीं, किन्तु अपनी भांजी को क्रिसमस नाटक में देखने के लिए l वहाँ की बातें मुर्खता लगी, किन्तु बच्चों के नाटक के मध्य, मुझ में उन चरवाहों और स्वर्गदूतों के साथ यीशु से मिलने की चाहत जागी l जब लोग ‘पावन रैन’ गीत समाप्त किये मैं वहाँ बैठकर रो रहा था l

उसने कहा, “उस रात मुझे  क्रिसमस का सर्वोत्तम उपहार मिला,” और वह पुनः अपने मित्र की ओर इशारा किया, “जब इसने अपने परिवार को अकेले घर भेज दिया कि वह मुझे यीशु से मुलाकात करना सिखाए l”

और तब उसका मित्र बोल पड़ा : “और मित्रों, वह मेरा  सर्वोत्तम क्रिसमस उपहार था l”

इस क्रिसमस में, यीशु के जन्म की आनंदमय सरलता की वह कहानी ही हम दूसरों को बताएँ l