चरनी के अनेक दृश्यों में, ज्योंतिषियों को चरवाहों के साथ बेतलहम में यीशु से मिलते दर्शाया जाता है l किन्तु मत्ती के सुसमाचार के अनुसार, ज्योतिषी यीशु से मिलने एक घर में आते हैं l वह एक सराए के गौशाले की चरनी में नहीं था l मत्ती 2:11 हमें बताता है, “उन्होंने उस घर में पहुँचकर उस बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा, और मुँह के बल गिरकर बालक को प्रणाम किया, और अपना-अपना थैला खोलकर उसको सोना, और लोबान, और गंधरस की भेंट चढ़ाई l”
यह जानकार कि ज्योतिषी बाद में यीशु से मिलने आए हमें नया वर्ष आरंभ करते समय एक ताकीद मिलती है l छुट्टियों के बाद जब हम पुनः अपने दिनचर्या में लौटते हैं, हमारे पास अभी भी कोई है जिसके साथ हम उत्सव माना सकते हैं l
यीशु मसीह प्रत्येक मौसम में इम्मानुएल, “परमेश्वर हमारे साथ” है (मत्ती 1:23) l उसने “सदा” (28:20) हमारे साथ रहने का वादा किया है l क्योंकि वह सदा हमारे साथ है, हम अपने हृदयों में उसकी आराधना प्रतिदिन कर सकते हैं और भरोसा कर सकते हैं कि वह आनेवाले वर्षों में भी विश्वासयोग्य रहेगा l जैसे ज्योतिषियों ने उसको खोजा, हम भी उसको अपने स्थान पर खोजें और उपासना करें l
जब हम मसीह को पाते हैं हम उसकी आराधना करते हैं l