कुछ लोगों के अनुसार अमरीकी लेखिका ऐन हर्बर्ट ने 1982 में एक रेस्टोरेंट में मेजपोश पर यों ही यह वाक्यांश लिख दी “यों ही भलाई और खूबसूरती के अर्थहीन काम करें l” उस समय से यह मनोभाव फिल्म और साहित्य द्वारा लोकप्रिय बनाया गया है और हमारे शब्दावली का हिस्सा बन गया है l
प्रश्न उठता है “क्यों?” हम दया क्यों दिखाएं? यीशु के अनुयायियों के लिए, उत्तर स्पष्ट है : परमेश्वर की करुणा और दयालुता प्रकट करने हेतु l
यह सिद्धांत पुराने नियम की मोआब की एक प्रवासिन, रूत, की कहानी में है l वह विदेशी एक अपरिचित देश में रहती थी जिसकी भाषा और संस्कृति उस से परे थी l इसके अतिरिक्त, वह बहुत निर्धन थी, लोगों के दान पर निर्भर जो उसकी सुधि कम ही लेते थे l
हालाँकि, एक इस्राएली ने रूत पर अनुग्रह करके उसके हृदय को छुआ (रूत 2:13) l वह उसे अपने खेत में अनाज बीनने दिया, किन्तु सरल उपकार से बढ़कर, उसने अपनी सहानुभूति द्वारा परमेश्वर की कोमल करुणा प्रकट की, जिसकी छाया में वह आश्रय पा सकती थी l वह बोअज की दुल्हन बनी, परमेश्वर के परिवार का हिस्सा, और उस वंसज का एक भाग जिससे यीशु था, जो संसार के लिए उद्धार लेकर आया (देखें मत्ती 1:1-16) l
हमें नहीं मालुम कि यीशु के नाम में दया के एक कार्य का क्या परिणाम हो सकता है l
हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर सब कुछ नया कर देता है l