एक साक्षात्कार में, गायिका और गीत लेखिका मेरेडिथ एंड्रूज ने सुसमाचार प्रचार, रचनात्मक कार्य, विवाह विषय, और मातृत्व के बीच संतुलन बनाने में खुद को अभिभूत पाया l अपनी कठिनाई के विषय सोचकर, वह बोली, “मैंने महसूस किया कि परमेश्वर मुझे दमित प्रक्रिया द्वारा संशोधन ऋतू से गुज़ार रहा है l
अय्यूब अपनी जीविका, स्वास्थ्य, और परिवार खोकर अभिभूत हुआ l इससे भी बदतर, परमेश्वर का दैनिक उपासक होकर भी, उसने अहसास किया कि परमेश्वर सहायता हेतु उसके निवेदन नज़रन्दाज़ कर रहा है l परमेश्वर उसके जीवन के दृश्य में अनुपस्थित दिखाई दिया l अय्यूब ने दावा किया कि वह परमेश्वर को किसी भी दिशा में देख नहीं पा रहा है (अय्यूब 23:2-9) l
निराशा में, अय्यूब को क्षणिक स्पष्टता मिली l उसका विश्वास एक अँधेरे कमरे में मोमबत्ती की तरह टिमटिमाया l उसने कहा, “[परमेश्वर] जानता है कि मैं कैसी चाल चलता हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा मैं सोने के समान निकलूँगा” (पद.10) l मसीही आजमाए और शुद्ध किये जाते हैं जब परमेश्वर हमारे आत्मनिर्भरता, अहंकार, और सांसारिक ज्ञान को हटाने के लिए कठिनाई का उपयोग करता है l यदि इस प्रक्रिया में परमेश्वर शांत दिखाई दे और मदद की पुकार न सुने, वह हमें हमारे विश्वास में सामर्थी बनने का एक अवसर दे रहा होगा l
दुःख और समस्याएँ दीप्तिमान, चट्टान सा मजबूत चरित्र देती हैं जो जीवन की कठिनाई में परमेश्वर पर भरोसे से आती है l
विश्वास की परख विश्वास की मजबूती हो सकती है l