जून 1962 में फ्लोरिडा के एक कैदखाने से, क्लेरेंस अर्ल गिडियन ने अपने एक अपराध के लिए जो उसने नहीं किया था अमरीकी सर्वोच्च न्यायलय से पुनःविचार करने का आग्रह किया और वह वकील भी करने में असमर्थ है l
एक वर्ष के भीतर, गिडियन वी. वेनराईट के ऐतिहासिक केस में, सर्वोच्च न्यायलय ने निर्णय सुनाया कि अपने बल पर अपना बचाव करने में अयोग्य लोगों को सरकार द्वारा एक वकील दिया जाए l इसके बाद न्यायलय द्वारा नियुक्त वकील की मदद से, क्लेरेंस गिडियन के केस पर पुनः विचार किया गया और वह दोषमुक्त हुआ l
किन्तु यदि हम निर्दोष नहीं हैं तो? प्रेरित पौलुस के अनुसार, हम सब दोषी हैं l किन्तु स्वर्ग का न्यायलय हमारा और हमारी आत्मा के बचाव हेतु परमेश्वर की कीमत पर एक वकील देता है (1 यूहन्ना 2:2) l अपने पिता की ओर से, यीशु एक स्वतंत्रता देता है जिसे कैदी भी किसी प्रकार की बाहरी स्थिति के अनुभव से बेहतर बताते हैं l यह हृदय और मन की स्वतंत्रता है l
यीशु हमारे द्वारा या हमारे विरुद्ध किए गए अन्याय के लिए दुःख उठाने में हम सब का प्रतिनिधि हो सकता है l वह सर्वोच्च अधिकार से करुणा, क्षमा, और विश्राम के लिए हमारे प्रत्येक निवेदन का उत्तर देता है l
हमारा सहायक, यीशु, खोई हुई आशा, भय, अथवा पछतावा के कैद को अपनी उपस्थिति का स्थान बना सकता है l
जो हमारा प्रतिनिधि होकर मरा अब हमारा जीवित सहायक है l