वह आठ वर्षीय छोटा लड़का अपने माता-पिता के मित्र, वोली से बोला, “मैं यीशु से प्रेम करता हूँ और किसी दिन विदेश में परमेश्वर की सेवा करना चाहता हूँ l” आनेवाले दस वर्षों में वोली उसको बढ़ता देखकर उसके लिए प्रार्थना किया l जब वह युवक द्वारा माली जाकर सेवा करने हेतु एक मिशन एजेंसी में आवेदन किया, वोली ने उससे कहा, “समय हो गया है! मैंने तुम्हारी इच्छा जानकार, इस उत्तेजक खबर का इंतज़ार करते हुए, तुम्हारे लिए थोड़े पैसे जमा करना आरंभ किया l” वोली दूसरों की चिंता करता है और लोगों तक परमेश्वर का सुसमाचार पहुँचाना चाहता है l
परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाते हुए एक नगर और गाँव से दूसरे तक जाते समय यीशु और उसके शिष्यों को आर्थिक साहयता चाहिए थी (लूका 8:1-3) l दुष्टात्मा और बीमारियों से छुटकारा प्राप्त स्त्रियों ने “अपनी सम्पति से” उनकी मदद की (पद.3) l एक सात दुष्टात्माओं से छुड़ाई गई मरियम मगदलीनी थी l दूसरी हेरोदेस के भंडारी खोजा की पत्नी, योअन्ना थी l सूसन्नाह और “बहुत से अन्य [स्त्रियों]” के विषय ज्ञात नहीं है (पद.3), किन्तु हमें मालूम है कि यीशु ने उनकी आत्मिक ज़रूरतें पूरी किये थे l अब उन्होंने आर्थिक संसाधन से उनकी मदद की l
यीशु के कार्य पर ध्यान देकर दूसरों के लिए उसकी इच्छा हमारी इच्छा बन जाती है l परमेश्वर से पूँछें वह आपको किस तरह उपयोग करना चाहता है l
यीशु ने अपना सब कुछ दे दिया, वह हमारे सब कुछ के योग्य है l