बॉब फोस्टर, जो 50 वर्ष से अधिक से मेरा सलाहकार और मित्र है, मुझे छोड़ा नहीं है l मेरे कठिन समय में भी, उसकी स्थिर मित्रता और प्रोत्साहन ने, मुझे आगे बढ़ने में मदद की l

हम दोनों अक्सर अपने को किसी ज़रूरतमंद की मदद करते पाते हैं l किन्तु जब हमें तुरंत सुधार नहीं दिखाई देता, हमारा संकल्प कमजोर हो सकता है और हम आखिरकार हार मान सकते हैं l हमें यह मालूम पड़ता है कि जिसे हम तात्कालिक बदलाव सोचते थे, वह चलनेवाली प्रक्रिया बन गयी है l

प्रेरित पौलुस हमसे जीवन की बाधाओं और संघर्षों में परस्पर मदद करने में धीरज रखने को कहता है l वह यह लिखते हुए, “तूम एक दूसरे का भार उठाओ” और “इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो” (गला.6:2), हमारे परिश्रम की तुलना एक किसान के कार्य, समय, और इंतज़ार से करता है जो फसल के लिए ठहरा हुआ है l

हम कब तक उनके लिए प्रार्थना और उनको मदद करते रहेंगे जिनसे हम प्रेम करते हैं? “हम भले कामों में साहस न छोड़ें, क्योंकि यदि हम ढीले न हों तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे” (पद.9) l हम कब तक मदद करें? “जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्वासी भाइयों के साथ” (पद.10) l

प्रभु आज हमसे उस पर भरोसा करने, दूसरों के प्रति विश्वासयोग्य, निरंतर प्रार्थना करने, और हार न मानने को उत्साहित करता है!