जमाइका के एक छोटे चर्च में मण्डली के समक्ष खड़े होकर मैंने उत्तम तरीके से प्रान्तीय भाषा में बोलने का प्रयास किया, “वा ग्वान, जमाइका ?” प्रतिक्रिया मेरी अपेक्षा से बेहतर था, जब मुकराहट और हर्षध्वनि ने मेरा अभिवादन किया l

वास्तव में, मैंने पटोइस [पा-त्वा] भाषा में केवल सामान्य शुभकामनाएं दी थी, “क्या हो रहा है?,” किन्तु उन्होंने सुना कि मैंने बोला, “मैं आपकी भाषा बोलना पसंद करता हूँ l” निःसन्देह, मैं पटोइस भाषा में आगे और नहीं बोल सकता था, किन्तु एक द्वार अवश्य ही खुल गया था l

प्रेरित पौलुस अथेने के लोगों के सामने खड़े होकर, उनको जता दिया कि वह उनकी संस्कृति से अवगत् था l उसने उनको बताया कि उसने एक “अनजाने ईश्वर के लिए” उनकी वेदी देखी थी, और उसने उनके एक कवि का सन्दर्भ भी दिया l निःसंदेह सभी ने यीशु के पुनरुत्थान सम्बंधित सन्देश पर विश्वास नहीं किया, किन्तु कुछ ने कहा, “यह बात हम तुझ से फिर कभी सुनेंगे” (प्रेरितों 17:32) l

दूसरों के साथ यीशु और उसके द्वारा प्रदत्त उद्धार के विषय बातें करते समय, वचन हमें अपने को दूसरों में निवेश करने को कहता है-उनकी भाषा सीखना, जैसे कि वह सुसमाचार बताने के लिए एक द्वार खोलना है (1 कुरिं. 9:20-23 भी देखें) l

जब हम “वा ग्वान?” दूसरों के जीवन में खोज लेते हैं, दूसरों को बताना सरल होगा जो परमेश्वर ने हमारे जीवनों में किया है l