पिछले कुछ वर्षों में, मेरे परिवार के दो लोगों ने घातक बिमारियों का सामना किया l मेरे लिए उनके इलाज में सहयोग का कठिनतम भाग निरंतर अनिश्चितता रही है l मैं हमेशा डॉक्टर के निश्चित उत्तर के विषय निराश रहा हूँ, किन्तु शायद ही स्थितियाँ स्पष्ट रही हों l स्पष्टता की जगह, हमें ठहरने को कहा जाता है l

अनिश्चितता का बोझ उठाना कठिन है, सर्वदा अगली जांच के लिए उत्सुक l  क्या हमें मृत्यु द्वारा अलगाव से पूर्व सप्ताह, महिना, साल, या दशक का समय मिलेगा? किन्तु बिमारी और इलाज के बावजूद, एक दिन हमारी मृत्यु होगी-कैंसर जैसी बातें हमारी नश्वरता को हमारे मस्तिष्क के रिक्त स्थानों में छिपाने की जगह हमारे सामने ला देती हैं l  

हमारी नश्वरता की ऐसी गंभीर ताकीद से सामना होने पर, मैं मूसा की प्रार्थना करने लगती हूँ l भजन 90 हमसे कहता है कि यद्यपि हमारे जीवन घास के समान मुर्झा और सुख जाती है(पद.5-8), हमारे पास परमेश्वर के साथ अनंत निवास है(पद.1) l मूसा के समान, हम बुद्धिमान निर्णय लेने हेतु, परमेश्वर से अपने दिन गिनने की (पद.12), और अपने कार्यों द्वारा अपने संचिप्त जीवनों को उसके सामने महत्वपूर्ण बनाने हेतु  समझ मांगे(पद.17) l अनन्तः, यह भजन ताकीद देता है कि डॉक्टर के इलाज पर हमारी आशा नहीं किन्तु “अनादिकाल से अनंतकाल तक” के परमेश्वर पर है l