मैं उथले पानी में प्रथम रबर नौकायन अनुभव का आनंद ले रहा था-जब मुझे आगे तीव्र धारा की गर्जन सुनाई दी l एक ही समय में मेरी भावनाओं में अनिश्चितता, भय, और असुरक्षा भर गया l और तब, अचानक, वे समाप्त हो गए l गाईड ने नौका को पार कर दिया l मैं सुरक्षित था-कम-से-कम अगली तीव्र धारा तक l

जीवन में परिवर्तनकाल उथले पानी के अनुभव की तरह हो सकता है l जीवन के एक काल से अगले काल तक की अपरिहार्य छलाँगें-कॉलेज से जीविका, कार्यों में परिवर्तन, माता-पिता के संग रहने के बाद अकेले रहना अथवा जीवन साथी के साथ रहना, आजीविका से सेवा निवृति, युवावस्था से वृद्धावस्था-सब अनिश्चितता और असुरक्षा द्वारा चिन्हित हैं l

पुराने नियम के इतिहास के एक सबसे प्रमुख परिवर्तनकाल में, सुलेमान अपने पिता दाऊद से विरासत में सिंहासन प्राप्त करता है l मैं मानता हूँ कि वह भविष्य के विषय असुरक्षा से भरा होगा l उसके पिता की सलाह? “हियाव बाँध और दृढ़ होकर इस काम में लग जा … क्योंकि यहोवा परमेश्वर जो मेरा परमेश्वर है, वह तेरे संग है” (1 इतिहास 28:20) l

हम सब को जीवन में कठिन परिवर्तानकाल से गुज़ारना होगा l किन्तु हम नौका में परमेश्वर के साथ अकेले नहीं हैं l अपनी निगाहें नौका चलनेवाले पर रखने से आनंद और सुरक्षा मिलती है l उसने पहले बहुतों को पार उतारा है l