मैं अक्सर खुद को अपने कामों में पूर्ण अयोग्य पाता हूँ l सन्डे स्कूल पढ़ाना, किसी मित्र को सलाह, अथवा किसी प्रकाशन में लेख लिखना, चुनौती मेरी योग्यता से बड़ी लगती है l मुझे पतरस की तरह, बहुत सीखना है l

नया नियम प्रभु के पीछे चलने को प्रयासरत पतरस की कई कमजोरियाँ दर्शाता है l पतरस यीशु की ओर पानी पर चलते समय, डूबने लगा (मत्ती 14:25-31) l यीशु की गिरफ्तारी बाद, पतरस ने शपथ खाकर उसका इनकार किया l (मरकुस 14:66-72) l किन्तु पुनरुत्थित मसीह से सामना और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य ने उसको बदल दिया l

पतरस ने समझा कि परमेश्वर की “ईश्वरीय सामर्थ्य ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है” (2 पतरस 1:3) l एक कमज़ोर व्यक्ति की अद्भुत उक्तियाँ!

“[परमेश्वर ने] हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं : ताकि इनके द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूटकर, जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाओ” (पद.4) l

मसीह यीशु के साथ हमारा सम्बन्ध बुद्धिमत्ता, धीरज, और सामर्थ्य का श्रोत है जो परमेश्वर की महिमा, दूसरों की मदद, और आज की चुनौतियों का सामना करने में हमें चाहिए l जिससे, हम हिचकिचाहट और अयोग्यता पर जय पाएंगे l

प्रत्येक स्थिति में, उसने हमें उसकी सेवा और महिमा हेतु सब कुछ दिये हैं l