शरद ओलंपिक्स 2004 में यूटाह में हुआ था l कनाडा के क्षेत्र-पार स्की करनेवाली बेकी स्कॉट उस समय काँस्य पदक जीती थी l दो अयोग्य खिलाड़ियों को महीनों बाद वर्जित पदार्थ सेवन के कारण अयोग्य होने पर, जून 2004 में, वैंक्यूवर आर्ट गैलरी में, स्कॉट को ओलिंपिक स्वर्ण पदक मिला l
आख़िरकार स्कॉट को अपना स्वर्ण मिल गया, किन्तु वह मंच पर खड़ी होकर राष्ट्रगान बजते हुए सुनने से रह गई l अन्याय का हल नहीं निकला l
अन्याय तकलीफ़देह होता है, और मेहनत से जीते गए पदक से वंचित होना भी बड़ा अन्याय है l कैन और हाबिल की कथा अन्याय की चरम क्रिया है (उत्प. 4:8) l और प्रथम झलक में ऐसा लग सकता है कि वह भाई की हत्या करके बच गया l आख़िरकार, वह लम्बी आयु और पूरा जीवन जीकर, एक नगर भी बसाया (पद.17) l
किन्तु स्वयं परमेश्वर ने कैन का सामना किया l उसने कहा, “तेरे भाई का लहू … चिल्लाकर मेरी दोहाई दे रहा है” (पद.10) l नया नियम कैन के उदाहरण से बचने को कहता है (1 यूहन्ना 3:12; यहूदा 1:11) l किन्तु हाबिल के विषय, “विश्वास ही से हाबिल … मरने पर भी अब तक बातें करता है” (इब्रा. 11:4) l
परमेश्वर न्याय, निर्बलों का बचाव, और अन्याय को दण्डित करता है l अंत में, अन्याय करके कोई बच नहीं सकता l और विश्वास द्वारा किया गया कार्य परमेश्वर द्वारा पुरस्कृत होता है l
आख़िरकार पाप का न्याय हमारे परिप्रेक्ष्य से नहीं परमेश्वर के परिप्रेक्ष्य से होगा l