प्रत्येक शनिवार हमारा परिवार दौड़ के मैदान के किनारे खड़ा होकर मेरी बेटी को उत्साहित करता है जब वह हाई स्कूल क्षेत्र पार टीम के साथ दौड़ती है l समापन रेखा को पार करने के बाद, सभी धावक फिर से अपने टीम के सदस्यों, कोच और सभी माता-पिता से मिलते हैं l समाप्त करनेवालों के चारों-ओर कभी-कभी तो 300 से भी अधिक लोगों की भीड़ जमा हो जाती है, और इतने लोगों के बीच एक को ढूँढना कठिन होता है l हम ध्यानपूर्वक भीड़ में उसको तब तक ढूंढते हैं जब तक वह मिल नहीं जाती है, और धाविका, हमारी दुलारी बेटी के चारों ओर अपनी बाहें डालते हैं जिसे हम देखने आए थे l
बेबीलोन में सत्तर वर्षों के बन्धुआई के बाद, परमेश्वर यहूदियों को वापस यरूशलेम और यहूदा ले गया l यशायाह उनके लिए परमेश्वर के आनंद का वर्णन करता है, और उनके घर वापसी की तीर्थयात्रा के लिए राजमार्गों और उनको वापस स्वीकार करने के लिए फाटक के तैयार करने का वर्णन करता है l परमेश्वर अपने पवित्र लोगों के लिए अपनी बुलाहट को दृढ़ करके उनके गौरव को एक नए नाम से पुनःस्थापित करता है, “यहोवा के छुड़ाए हए . . . न-त्यागी हुयी नगरी” (यशा. 62:12) l वह उनको बेबीलोन के अलग-अलग स्थानों से वापस अपने पास लौटा लाया l
इस्राएलियों की तरह, हम भी परमेश्वर की प्रिय संतान हैं, जिसे परमेश्वर ईमानदारी से खोजता है l यद्यपि एक समय हमारे पाप ने हमें उससे दूर कर दिया, यीशु का बलिदान हमें वापस उसके पास ले आता है l वह जी लगाकर हमें दूसरों के बीच खोजता है, और हृदय से गले लगान चाहता है l
परमेश्वर अपने प्रिय बच्चों को ढूंढता है l