अन्तरिक्ष यान अपोलो  8 के अन्तरिक्ष यात्री बिल एंडर्स 1968 में चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए कर्मी-दल द्वारा चन्द्रमा की धरती के बड़े और पास के दृश्यों का वर्णन किया l उन्होंने उसे “अनिष्ट दर्शन की सीमा … एक कठोर, और देखने का अनाकर्षक स्थान कहा l” उसके बाद कर्मियों ने बारी-बारी से देख रहे संसार के समक्ष उत्पत्ति 1:1-10 से पढ़ा l कमांडर फ्रैंक बोर्मन ने पद 10, “और परमेश्वर ने देखा की अच्छा है,” को पढ़ कर इस कथन से समाप्त किया, “परमेश्वर आप सभों को आशीष दे, इस अच्छी पृथ्वी पर आप सभों को आशीष दे l”

बाइबिल का आरंभिक अध्याय दो तथ्यों पर बल देता है :

सृष्टि परमेश्वर का कार्य है l  वाक्यांश “और परमेश्वर ने कहा …,” लय के साथ पूरे अध्याय में दिखाई देता है l सम्पूर्ण भव्य संसार जिसमें हम निवास करते हैं उसके हाथ का रचनात्मक कार्य है l बाइबिल की बाकी बातें उत्पत्ति 1 की बातों की पुनः पुष्टि करते हैं l सम्पूर्ण इतिहास की पृष्ठभूमि में, परमेश्वर है l

सृष्टि अच्छी है l  इस अध्याय में एक और वाक्य लय के साथ गूंजती है l “और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है l” सृष्टि के उस पहले क्षण से बहुत कुछ बदल गया है l उत्पत्ति 1 संसार का ऐसा वर्णन करती है जैसा परमेश्वर इसके बिगड़ने से पूर्व चाहता था l आज हम प्रकृति में जो खूबसूरती देखते हैं वह परमेश्वर की सृष्टि की पूर्व अवस्था की एक धुंधली छाया है l

अपोलो 8 के अतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी को आकाश में अकेले लटके हुए एक चमकीले रंगीन गेंद की तरह देखा l तुरंत ही वह उन्हें विस्मयकारी सुन्दर और कोमल दिखाई दिया l वह उत्पत्ति 1 में जैसा था वैसा ही दिखायी दिया l