शेरिल अपनी अगली पिज़्ज़ा पहुंचाते समय चकित हुयी l उसे किसी घर में पहुँचने की आशा थी, किन्तु चर्च में पहुंच गयी l शेरिल पेपरौनी पिज़्ज़ा चर्च में पहुँचा दी, जहाँ उसकी मुलाकात पास्टर से हुयी l
“क्या यह कहना उचित होगा कि तुम्हारे लिए जीवन अच्छा रहा है? पास्टर ने शेरिल से पुछा l शेरिल ने कहा कि नहीं रहा है l इसके साथ, पास्टर दो थालियाँ लेकर आये जिसे चर्च के विश्वासियों ने दान से भर दिए थे l तब पास्टर ने बख्शिश के तौर पर 750 डॉलर शेरिल के पिज़्ज़ा पहुंचाने वाले थैले में डाल दिया! शेरिल को न बताते हुए, पास्टर ने पिज़्ज़ा की दूकान से सबसे अधिक आर्थिक तंगी में रहनेवाले डेलिवरी मैन को भेजने को कहा था l शेरिल चौंक गयी l वह कई भुगतान करने में असमर्थ थी l
जब यरूशलेम के प्रथम मसीही गरीबी का सामना कर रहे थे, वह तुरंत सहायता पहुँचाने वाला एक चर्च ही था l खुद ज़रूरत में रहने के बावजूद, मेसिडोनिया के मसीही अवसर जानकर उदारता से दान दिए (2 कुरिन्थियों 8:1-4) l पौलुस ने उनकी उदारता को कुरीन्थियों और हमारे अनुसरण के लिए एक नमूना बताया l जब हम अपनी अधिकता में से दूसरों की सहायता करते हैं, हम यीशु को प्रगट करते हैं, जिसने हमारी आत्मिक गरीबी को मिटाने के लिए अपना धन त्याग दिया (पद.9) l
शेरिल ने उस दिन चर्च की उदारता अपने सभी ग्राहकों को बतायी, और, उस नमूना का अनुसरण करते हुए उस दिन की बख्शिश सभी ज़रुरतमंदों में बाँट दी l उदारता का एक कार्य गुणित हुआ l और मसीह को महिमा मिली l
हमारी उदारता ज़रूरतों को पूरा करती है और यीशु को महिमा देती है l