“आप मुझे नहीं देख सकते हैं!”
छोटे बच्चे “लुका छुपी” खेलते समय विश्वास करते हैं कि अपनी आँखों को बंद करने से वे छिप जाते हैं l वे मानते हैं कि यदि वे आपको नहीं देख सकते हैं, तो आप भी उन्हें नहीं देख सकते हैं l
चाहे वयस्कों को वह जितना भी भोला महसूस हो, हम कभी-कभी परमेश्वर के साथ भी ऐसा ही करते हैं l जब हम जानते हुए कुछ गलत करने की इच्छा करते हैं, हमारा अभिप्राय अपने मन की करते हुए परमेश्वर को अलग करना हो सकता है l
नबी यहेजकेल ने परमेश्वर से दर्शन में बेबीलोन में निर्वासित अपने लोगों के विषय यह देखा l प्रभु ने उससे कहा, “क्या तूने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी नक्काशीवाली कोठरियों के भीतर अर्थात् अंधियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हम को नहीं देखता” (यहेज. 8:12) l
किन्तु परमेश्वर सब कुछ देखता है, और यहेजकेल का दर्शन इसका प्रमाण है l फिर भी उनके पाप करने पर, परमेश्वर ने अपने पश्च्तापी लोगों को एक नयी प्रतिज्ञा दी : “मैं तुमको नया मन दूँगा, और तुम्हारे भीतर नयी आत्मा उत्पन्न करूँगा” (36:26) l
हमारे लिए, परमेश्वर ने क्रूस पर पूर्ण दंड चुकाकर अपनी कोमल करुणा से टूटापन और पाप का विद्रोह ख़त्म किया l यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर हमें केवल नया आरंभ ही नहीं देता है, किन्तु जब हम उसके पीछे चलते हैं वह हमारे हृदय परिवर्तन के लिए हमारे अन्दर काम भी करता है l परमेश्वर कितना अच्छा है! जब हम खोए हुए थे और अपने पाप में छिपे हुए थे, परमेश्वर, यीशु के द्वारा, हमें “ढूढ़ने और [हमारा] उद्धार करने आया” (लूका 19:10; रोमि. 5:8) l
परमेश्वर हमें पूरी तरह जानता है ... और पूरी तरह प्रेम भी करता है l