अपना मेडिकल बिल देख कर मेरे आंसू निकल आए। पति लम्बे समय से बेरोजगार थे। यदि मासिक किश्त दें तोभी आधा बिल चुकाने में भी कई साल लगेंगे। अपनी स्थिति स्पष्ट करके भुगतान की योजना का आग्रह करने के लिए डॉक्टर के ऑफिस में फ़ोन करने से पहले मैंने एक प्रार्थना की। थोड़ा समय बाद, रिसेप्शनिस्ट ने मुझे बताया कि डॉक्टर ने हमारे बिल को ख़ारिज कर दिया है।

मैंने सिसकते हुए उसका आभार पूर्वक धन्यवाद किया। फ़ोन रखते हुए, मैंने परमेश्वर की प्रशंसा की। मैंने उस बिल को रख लिया, यह याद दिलाने के लिए नहीं कि मुझे कितना चुकाना था, परन्तु उसे जो परमेश्वर ने किया था।

परमेश्वर ने मेरे पापों के लेखे को रद्द किया है। वचन आश्वासन देता है कि यहोवा “दयालु, अनुग्रहकारी” और “अति करूणामय” हैं, “हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं करता” (भजन 103:8,10)। जब मनफिराव करके हम मसीह को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण करते हैं तब “उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, वह हमारे अपराधों को हमसे उतनी दूर करते हैं।” (पद 12) उनका बलिदान ने उस लेखे को मिटाया है जो हमें चुकाना था। पूर्णतः।

अपनी समर्पित स्तुति और आभार युक्त प्रेम देकर, हम उनके लिए जीवन जी सकते हैं और दूसरों के साथ भी उसे बाँट सकते हैं।