“तुम देखोगी कि अंदर क्या है?” मेरी मित्र ने पूछा। उसकी बेटी के हाथों में कपड़े की गुड़िया थी। “हाँ, अवश्य”, मैंने जवाब दिया। एमिली ने गुड़िया के पीठ में लगी ज़िप खोली। उसके अन्दर से, उसने एक ख़जाना निकाला: उसकी अपनी गुड़िया जिसके साथ 20 वर्ष पूर्व अपने बचपन में वह खेलती थी। “बाहरी” गुड़िया इस भीतरी गुडिया का केवल ढाँचा थी जिससे उसे ताकत और रूप दिया जा सके।

यीशु के जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान का विवरण पौलुस एक खजाने के रूप में करते हैं, जो परमेश्वर के लोगों की कमजोर मानवता के अन्दर छिपा है। जो विश्वासियों को बल देता है कि कठिन परिस्थितियों में डटे रहकर वे सेवा करते रहें। जिससे लोगों की मानवीयता से उनकी ज्योति-उनका जीवन प्रकाशित होता हैं। पौलुस हम सभी को “हियाव न छोड़ने का” प्रोत्साहन देते हैं (2कुरिन्थियों 4:16)। परमेश्वर हमें उनके कार्य करने के सामर्थ से भरते हैं।

“भीतरी गुड़िया”, के समान हमारे भीतर सुसमाचार का खजाना इस जीवन को उद्देश्य और संयम देता है। जब परमेश्वर का सामर्थ हम में चमकता है, तो दूसरों को पूछने के लिए बाध्य करता है, कि “अंदर क्या है”? फिर अपने हृदय की ज़िप खोल कर हम मसीह में मिलने वाले उद्धार की जीवनदाई प्रतिज्ञा को दिखा सकते हैं।