मकड़ियां। कोई बच्चा उन्हें पसंद नहीं करता। अपने कमरे में तो नहीं…वो भी सोते समय। मेरी बेटी ने अपने बिस्तर के पास एक को देख लिया। “डैडी! मकड़ी!” वह चिल्लाई। कोशिश करने पर भी मैं उसे नहीं ढूँढ पाया। “वह तुम्हें कुछ नहीं करेगा,” मैंने कहा पर वह नहीं मानी। यह कहने के बाद ही वह बिस्तर में घुसी कि मैं उसके सिरहाने चौकसी करूंगा।
मैंने उसका हाथ पकड़कर कहा, “मैं तुमसे प्यार करता हूं, मैं ठीक यहीं हूं। पर क्या तुम जानती हो परमेश्वर तुम्हें डैडी मम्मी से भी अधिक प्यार करते हैं। वह बहुत निकट हैं। जब तुम्हें डर लगे तुम उनसे प्रार्थना कर सकती हो। इस बात से उसे सांतवना मिली और नींद उसकी आँखों में भर गई।
बाइबिल बताती है कि परमेश्वर हमारे निकट हैं (भजन 145:18; रोमियो 8:38–39; याकूब 4:7–8), पर कभी-कभी हम विश्वास नहीं करते। शायद इसलिए पौलुस ने इफिसुस के विश्वासियों के लिए प्रार्थना की कि उन्हें सत्य समझने का सामर्थ और बल मिले (इफिसियों 3:16)। वह जानते थे कि भयभीत होने पर हम परमेश्वर की निकटता की भावना को खो सकते हैं। जैसे मैंने अपनी बेटी का हाथ थामा हुआ था, ठीक वैसे ही हमारे प्रेमी स्वर्गीय पिता भी हमारे उतने ही निकट होते हैं जितनी कोई प्रार्थना होती है।
हमारे भय के बावजूद परमेश्वर सदा हमारे निकट होते हैं।