लाइगन स्टीवेंस अपने भाई निक के साथ पर्वतारोहण पसंद करती थी l वे दोनों अनुभवी पर्वतारोही थे और दोनों ने उत्तरी अमरीका के सबसे ऊँचे पर्वत मेकिन्ले(डेनाली) पर विजय प्राप्त कर लिया था l तब ही, जनवरी 2008 में, हिमस्खलन ने कोलेराडो पर्वत से उन्हें नीचे गिरा दिया, जिससे निक घायल हो गया और 20 वर्षीय लाइगन की मृत्यु हो गयी l निक को अपनी बहन के एक झोले में उसकी दैनिकी मिली, जिससे उसमें लिखी बातों से उसे बहुत शांति मिली l वह दैनिकी गहन-चिंतन, प्रार्थना, और परमेश्वर की प्रशंसा से परिपूर्ण थी जिनमें एक इस प्रकार थी : “मैं एक कलाकृति हूँ, जिस पर परमेश्वर का हस्ताक्षर है l किन्तु वह अभी भी कार्य कर रहा है; बल्कि वास्तव में, उसने आरंभ ही किया है . . . . मेरे ऊपर परमेश्वर की ऊँगली का निशान है l मैं एकलौती हूँ . . . मुझे अपने इस जीवन में कार्य करना है जो और कोई नहीं कर सकता l”
यद्यपि लाइगन शरीर में इस धरती पर नहीं है, फिर भी अपने जीवन के विरासत और दैनिकी द्वारा उनको प्रेरित और चुनौती देती है जिन्हें वह पीछे छोड़ गयी है l
क्योंकि हम परमेश्वर के स्वरुप में सृजे गए हैं (उत्त.1:26), हर एक “वह कलाकृति है, जिस पर परमेश्वर का हस्ताक्षर है l” जिस प्रकार प्रेरित पौलुस कहता है, हम “मसीह यीशु में उन भले कामों के लिए सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहले से हमारे करने के लिए तैयार किया” (इफि. 2:10) l
परमेश्वर की प्रशंसा हो कि वह दूसरों की सहायता करने के लिए प्रत्येक का उपयोग अपने समय और तरीके से करता है l
हर व्यक्ति परमेश्वर के प्रेमी अभिकल्पना का अद्वितीय प्रगटीकरण है l