मैं बचपन में जब भी बहुत ही अकेला, त्यागा हुआ, या खुद के विषय खेद महसूस करता था, मेरी माँ मुझे खुश करने के लिए एक लोकप्रिय गीत गाती थी : “कोई मुझे पसंद नहीं करता, सब मुझे से घृणा करते हैं l मेरे विचार में मैं जाकर कीड़ा खाऊंगा l” मेरे उतरे हुए चेहरे पर मुस्कराहट देखकर, वह मुझमें धन्यवाद देने के विशेष सम्बन्ध और कारण खोजने में मेरी मदद करती थी l
जब मैं पढ़ता हूँ कि दाऊद ने महसूस किया कि कोई भी उसकी परवाह नहीं करता, उसका गीत मेरे कानों में गूंजता है l फिर भी दाऊद की पीड़ा का बयान बढ़ा चढ़ा कर नहीं किया गया है l जहां मेरी आयु के अनुसार मैंने अकेलापन महसूस किया, दाऊद के पास त्यागा हुआ महसूस करने का उचित कारण था l उसने ये शब्द एक गुफा के अँधेरे में लिखा जहां वह शाऊल के भय से छिपा हुआ था जो उसकी हत्या करने की योजना बनाकर उसका पीछा कर रहा था(1 शमूएल 22:1; 24:3-10) l दाऊद जिसका अभिषेक भावी राजा के रूप में हुआ था, वर्षों तक शाऊल की सेवा की थी (16:13), किन्तु अब अपना जीवन बचाने के लिए “इधर-उधर भटक” रहा था l अपने अकेलेपन में दाऊद ने आभास किया और परमेश्वर को “शरणस्थान” और “मेरे जीते जी तू मेरा भाग है” माना (भजन 142:5 l
दाऊद की तरह, हम भी अपने अकेलेपन में परमेश्वर को पुकार सकते हैं, और उसके प्रेम की सुरक्षा में अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं l परमेश्वर कभी भी हमारे अकेलेपन को कम नहीं आंकता है l वह जीवन के अँधेरे गुफाओं में हमारा साथी बनना चाहता है l उस समय भी परमेश्वर हमारी चिंता करता है, जब हम सोचते हैं कि कोई हमारी चिंता नहीं करता है!
अकेलेपन में परमेश्वर हमारा मित्र है l