मक्का, जिसे भुट्टा भी कहा जाता है, मेरे गृह देश मैक्सिको का मुख्य भोजन है l और यह अनेक प्रकार का होता है l आप पीला, भूरा, लाल और काले गुच्छे वाला और अद्भुत चित्तीदार रूप वाला मक्का भी देख सकते हैं l किन्तु शहरी लोग चित्तीदार मक्का खाना पसंद नहीं करते हैं l रेस्टोरेंट के मालिक और शोधक आमादो रामरिज़ समझाते हैं कि उन लोगों के अनुसार एकरूपता(बराबरी) गुणवत्ता का पर्यायवाची है l फिर भी चित्तीदार मक्का स्वाद में अच्छा होता है और वे इससे बढ़िया मालपुआ/चिल्ला बनाते हैं l
मसीह की कलीसिया एक ही रंग और प्रकार के मक्के की तुलना में इस चित्तीदार मक्के की तरह ही है l प्रेरित पौलुस ने देह का अलंकार उपयोग करते हुए कलीसिया का वर्णन करता है, क्योंकि यद्यपि हम सब एक देह हैं, और हमारा परमेश्वर भी एक है, हममें से प्रत्येक को एक भिन्न वरदान मिला है l जैसे पौलुस कहता है, “वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है; और सेवा भी कई प्रकार की है परन्तु प्रभु एक ही है; और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है” (1 कुरिन्थियों 12:5-6) l हमारे परस्पर सहायता करने के तरीकों में हमारी एकता परमेश्वर की उदारता और रचनात्मकता दर्शाती है l
अपनी विविधता को स्वीकार करते समय, हमारा प्रत्येक प्रयास हमारे विश्वास और उद्देश्य में हमारी एकता को बनाए रखे l अवश्य ही, हमारी योग्यताओं और पृष्ठभूमि में अंतर है l हम अलग-अलग भाषा बोलते हैं और अलग-अलग देश से आते हैं l किन्तु हम सब का एक ही अद्भुत परमेश्वर, अर्थात् सृष्टिकर्ता है जो इस विविधता से आनंदित होता है l
जो परमेश्वर चाहता है कि हम बने उसके लिए हमें एक दूसरे की ज़रूरत है l