क्याआप चिंता करनेवाले हैं? मैं हूँ l मैं प्रतिदिन चिंता से संघर्ष करता हूँ l मैं बड़ी बातों के विषय चिंता करता हूँ l मैं छोटी बातों के विषय चिंता करता हूँ l कभी-कभी, ऐसा महसूस होता है जैसे मैं सभी बातों के विषय चिंता करता हूँ l किशोरावस्था के समय एक बार, मैंने पुलिस को बुलाया जब मेरे माता-पिता घर लौटने में चार घंटे विलम्ब कर दिए l
बाइबल हमें बार-बार अभय रहने को कहती है l परमेश्वर की भलाई और सामर्थ्य के कारण, और इसलिए कि उसने यीशु को हमारे लिए बलिदान होने के लिए और पवित्र आत्मा को हमारा मार्गदर्शन करने के लिए भेजा, हमें अपने जीवन को भय में व्यतीत करने की ज़रूरत नहीं है l हम कठिन स्थितियों का सामना कर सकते हैं, किन्तु परमेश्वर ने सदैव हर स्थिति में हमारे साथ रहने की प्रतिज्ञा की है l
भय के क्षणों में यशायाह 51:12-16 ने मेरी अधिकाधिक सहायता की है l यहाँ पर, परमेश्वर ने अपने लोगों को जिन्होंने अत्यधिक दुःख सहा था, याद दिलाता है कि अब अभी भी वह उनके साथ था, और कि उसकी सांत्वना देनेवाली उपस्थिति आखिरी सच्चाई है l चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी बुरी हो : उसने उनसे नबी यशायाह के द्वारा कहा, “मैं, मैं ही तेरा शांतिदाता हूँ” (पद.12) l
मुझे यह प्रतिज्ञा पसंद है l वे छः शब्द मेरी आत्मा के लिए भावनाओं को स्थिर करनेवाला लंगर रहा है l जब-जब जीवन पराजित करनेवाला महसूस हुआ, जब मेरी स्वयं की “लगातार [थरथराहट] अर्थात् खौफ़” (पद.13) दमनकारी महसूस हुआ, मैं बार-बार इस प्रतिज्ञा से लिपट गया l इस परिच्छेद के द्वारा, परमेश्वर मुझे विश्वास से अपनी निगाहें अपने भय से हटाने की ताकीद देता है और उसकी ओर आँखें उठाने को कहता है जो “आकाश [का ताननेवाला] है (पद.13) अर्थात् वह जो हमें दिलासा देने की प्रतिज्ञा की है l
दिलासा देनेवाली परमेश्वर की उपस्थिति हमारे आंसुओं से अधिक सामर्थी है l