तंजानिया की मेरी एक सहेली ने राजधानी दोदोमा में सुनसान/उजाड़ भूमि को खरीदने का दर्शन पाया l कुछ स्थानीय विधवाओं की ज़रूरतों को महसूस करके, रूत उस गन्दी भूमि को मुर्गी पालन और अनाज बोने के लिए तैयार करना चाहती थी l आवश्यक्तामंद लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने का उसका दर्शन परमेश्वर के लिए उसके प्रेम में स्थापित था, और बाइबल में उसके हमनाम, रूत से प्रेरित था l

परमेश्वर की व्यवस्था निर्धनों या परदेशियों को खेत के किनारों से अनाज की बालियाँ बीनने की अनुमति देता था (लैव्य. 19:9-10) l (बाइबल की) रूत परदेशी थी, इस कारण वह  खेतों में काम करके, अपने लिए और अपनी सास के लिए भोजन बटोर सकती थी l एक निकट सम्बन्धी, बोअज़ के खेत में सिला बीनने से, रूत और नाओमी को आख़िरकार एक घर और सुरक्षा मिल गयी l रूत ने अपने दैनिक कार्य में होशियारी और मेहनत की अर्थात् खेत के किनारों से भोजन इकठ्ठा किया और परमेश्वर ने उसे आशीष दी l

मेरी सहेली रूत का उत्साह और बाइबल के रूत का समर्पण मुझे परमेश्वर को धन्यवाद देने के लिए उभारता है कि किस प्रकार वह निर्धनों और कुचले हुओं को संभालता है l ये लोग मुझे अपने समुदाय में दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं और बड़े पैमाने पर देनेवाले परमेश्वर के प्रति मुझे धन्यवादी बनाते हैं l आप किस प्रकार दूसरों पर तरस दिखाकर परमेश्वर की उपासना कर सकते हैं?