एक स्थानीय अफ़्रीकी भाषा में अनुदित बाइबल के समर्पण समारोह में, उस क्षेत्र के मुखिया को उनकी प्रति भेंट की गयी l प्रशंसा में, उन्होंने बाइबल को स्वर्ग की ओर ऊपर उठाकर चिल्लाया, “अब हम जान गए हैं कि परमेश्वर हमारी भाषा समझता है! हम अपनी मातृभाषा में बाइबल पढ़ सकते हैं l”
हमारी भाषा से हटकर भी, हमारा स्वर्गिक पिता समझता है l किन्तु अक्सर हम अपनी गहरी इच्छाएँ उसको बताने में अक्षम होते हैं l प्रेरित पौलुस हमें अपनी भावनाओं से ऊपर उठकर प्रार्थना करने के लिए उत्साहित करता है l पौलुस हमारे दुखी संसार और हमारे दुःख के विषय कहता है : “सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है” (रोमियों 8:22), और वह उसकी तुलना हमारे पक्ष में पवित्र आत्मा के कार्य के साथ करता है l वह लिखता है, “आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है : क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर, जो ब्यान से बाहर है, हमारे लिए विनती करता है” (पद.26) l
परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें निकटता से जानता है l वह हमारी इच्छाएं, हमारे मन की भाषा, और हमारे अनकहे शब्दों को जानता है, और परमेश्वर के साथ हमारी बातचीत में सहायता करता है l उसका आत्मा हमें परमेश्वर पुत्र की छवि में रूपांतरित होने के लिए अपनी ओर आकर्षित करता है (पद.29) l
हमारा स्वर्गिक पिता हमारी भाषा समझता है और हमसे अपने वचन के द्वारा बातचीत करता है l जब हमें हमारी प्रार्थनाएं दुर्बल या बहुत छोटी महसूस हो, उसका आत्मा हमारे द्वारा पिता से बातचीत करने में हमारी मदद करता है l उसकी इच्छा है कि हम प्रार्थना में उससे बातचीत करें l
जब हम प्रार्थना में निर्बल होते हैं,
परमेश्वर का आत्मा हमारी कल्पना से अधिक हमारी मदद करता है l