मैं पचास मील गाड़ी चलाकर एक दूर के कार्यकर्ता से कठोर बातचीत करने गया l मुझे एक अन्य कर्मचारी से एक रिपोर्ट मिली थी जिसने यह सुझाया था कि वह हमारी कंपनी को गलत ढंग से पेश कर रहा था, और हमारे लोकमत के विषय मैं चिंतित था l मैं एक राय देने के लिए परेशान हुआ जो उसके चुनाव को बदल सकता था l
1 शमुएल 25 में, एक अविश्वसनीय व्यक्ति ने एक बड़ा व्यक्तिगत जोखिम उठाकर इस्राएल के भावी राजा का सामना किया जो एक विनाशकारी चुनाव करनेवाला था l अबीगैल का विवाह नाबाल से हुआ था, जिसका चरित्र उसके नाम के अर्थ के साथ मेल खाता था (“मूढ़”) (पद.3, 25) l नाबाल ने दाऊद और उसकी सेना को उसके पशुओं की रक्षा के लिए प्रथागत मजदूरी का भुगतान करने से इनकार कर दिया था (पद.10-11) l यह सुनकर कि दाऊद ने उसके समस्त घराने से प्राणघाती बदला लेने की ठान ली है, और यह जानकार कि उसका मूर्ख पति कारण नहीं सुनेगा, अबीगैल ने शांति की पेशकश करके, दाऊद से मिलने गयी, और उसे पुनः विचार करने को राज़ी किया (पद.18-31) l
अबीगैल ने यह कैसे किया? दाऊद और उसके लोगों को संतुष्ट करने और ऋण चुकाने के लिए भोजन से लदे गधों को आगे भेजने के बाद, उसने दाऊद से सच बोला l उसने बुद्धिमानी से दाऊद को उसके जीवन की बुलाहट याद दिलाई l जब परमेशवर ने उसे राजा बनाया था, यदि वह बदला लेने की अपनी इच्छा को रोकता, तो उसे “इस कारण पछताना न [होता], या मेरे प्रभु का हृदय पीड़ित न होता कि तू ने अकारण खून किया” (पद.31) l
आप किसी को एक खतरनाक गलती के निकट जानते भी होंगे जिससे दूसरों को हानि पहुँच सकती है और परमेश्वर के लिए उसकी भावी प्रभावशीलता जोखिम में पड़ सकती है l अबीगैल की तरह, शायद परमेश्वर आपको एक कठोर संवाद के लिए बुला रहा होगा?
कभी-कभी परमेश्वर का अनुसरण अर्थात् कठोर संवाद l