रीढ़ की हड्डी की चोट से लकवाग्रस्त होने के बाद, मार्टी ने एमबीए अर्जित करने के लिए कॉलेज जाने का फैसला किया l मार्टी की माँ, जूडी, ने उसके लक्ष्य को वास्तविकता बनाने में सहायता की l वह उसके साथ निरंतर बैठकर हर व्याख्यान और अध्ययन नोट्स लिखने और प्रोद्योगिकी मुद्दों को समझने में उसकी सहायता की l उसने उसे मंच पर पहुँचाकर डिप्लोमा प्राप्त करने में उसकी सहायता की l मार्टी ने व्यवहारिक सहायता से अप्राप्य को संभव कर लिया l
यीशु जानता था उसके पृथ्वी से जाने के बाद उसके चेलों को उसी प्रकार की सहायता की ज़रूरत होगी l उसने अपनी शीघ्र घटित होनेवाली अनुपस्थिति की बात कही, उसने कहा वे पवित्र आत्मा द्वारा परमेश्वर के साथ एक नए प्रकार का सम्बन्ध प्राप्त करेंगे l आत्मा उन्हें पल-पल मदद करेगा – एक शिक्षक और मार्गदर्शक जो केवल उनके साथ निवास ही नहीं करेगा किन्तु उनमें बसेगा भी (यूहन्ना 14:17, 26) l
आत्मा परमेश्वर की ओर से यीशु के शिष्यों को आंतरिक सहायता पहुंचाएगा, जो उन्हें सुसमाचार सुनाते समय उनको वह सब बातें सहने की शक्ति देगा जिसे वे अपने बल पर बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं l संघर्ष के क्षणों में, आत्मा उनको यीशु की कही बातें स्मरण दिलाएगा (पद.26) : तुम्हारे मन व्याकुल न हों . . . एक दूसरे से प्रेम करो . . . पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ l
क्या आप अपनी सामर्थ्य और योग्यता से बाहर कुछ सहन कर रहे हैं? आप आत्मा की सनातन सहायता पर निर्भर हो सकते हैं l आपके अन्दर पवित्र आत्मा का काम उसे [परमेश्वर को] उचित महिमा देगा l
जब परमेश्वर का सर्वशक्तिमान आत्मा का प्रश्न हो, कदापि न कहें, "मैं अयोग्य हूँ l"
-ऑस्वाल्ड चैम्बर्स