एमी एक बंद देश में रहती है जहाँ सुसमाचार प्रचार करना निषेध है l वह एक प्रशिक्षित नर्स है और एक बड़े हॉस्पिटल में नौकरी करती है, जहां नवजात शिशुओं की देखभाल की जाती है l वह इतनी समर्पित है कि उसका कार्य प्रगट है, और बहुत सी महिलाएँ उसके विषय उत्सुक हैं l वे उससे व्यक्तिगत रूप से प्रश्न पूछने को विवश होती हैं l ऐसे समय में एमी खुले तौर पर अपने उद्धारकर्ता के विषय साझा करती है l
उसके अच्छे काम का कारण, कुछ सहकर्मी ईर्ष्या करते हुए उसपर कुछ दवाईयाँ चोरी करने का दोष लगाया l उसके अधिकारियों ने उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया, और अधिकारियों ने आख़िरकार दोषी को खोज लिया l इस घटना ने साथी नर्सों को उससे उसके विश्वास के विषय पूछने लगीं l उसका उदाहरण मुझे पतरस की बातें याद दिलाते हैं, “हे प्रियों, . . . . अन्यजातियों(गैर-मसीहियों) में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; ताकि जिन-जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जानकार बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उनके कारण कृपा-दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें” (2 पतरस 2:11-12) l
घर पर, हमारे काम के माहौल में, या स्कूल में हमारे दैनिक जीवन दूसरों पर प्रभाव डालते हैं जब हम परमेश्वर को अपने अन्दर काम करने देते हैं l हम उन लोगों से घिरे हुए होते हैं जो हमारे बातचीत और व्यवहार पर ध्यान देते हैं l हम परमेश्वर पर भरोसा रखकर उसे अपने कार्यों और विचारों पर अधिकार रकने दें l तब जो अविश्वासी हैं उनको हम प्रभावित करेंगे और संभवतः कुछ यीशु में विश्वास करेंगे l