जब समूह के अन्य लोग चुनौतियों अथवा बीमारी से जूझ रहे अपने परिजनों और मित्रों के लिए मांग रहे थे डाईएन सुन रही थी l उसके परिवार का एक सदस्य वर्षों से नशे की लत से संघर्ष कर रहा था l किन्तु डाईएन ने अपना निवेदन साझा नहीं किया l उसकी ऊँची आवाज़ में बोले गए शब्दों के प्रतिउत्तर में लोगों के चेहरों के भाव या उनका प्रश्न पूछना या उनकी सलाह वह सहन नहीं कर पाती थी l उसने महसूस किया कि उसका निवेदन नहीं बताना और चुप रहना ही बेहतर था l दूसरे समझ नहीं पाए कि उसका प्रिय यीशु का विश्वासी होकर भी दैनिक संघर्ष कैसे कर सकता था l

यद्यपि डाईएन ने समूह के साथ अपना निवेदन साझा नहीं किया, उसने कुछ भरोसेमंद मित्रों से उसके साथ प्रार्थना करने को कहा l उनके साथ मिलकर उसने परमेश्वर से अपने प्रिय के लिए नशे की वास्तविक बंधन से छुटकारा माँगा कि वह मसीह में स्वतंत्रता का अनुभव कर सके – और कि परमेश्वर डाईएन को आवश्यक शांति और धीरज दे l प्रार्थना करने पर, उसने अपने प्रिय के साथ अपने सम्बन्ध में आराम और सामर्थ्य महसूस किया l

हममें से अनेक के पास वास्तविक, दृढ़ प्रार्थना निवेदन होते हैं जो अनुत्तरित महसूस होते हैं l किन्तु हम आश्वास्त हों कि परमेश्वर ध्यान देता ही है और वह हमारे सभी निवेदन सुनता ही है l वह हमसे “आशा में आनन्दित, क्लेश में स्थिर, प्रार्थना में नित्य लगे” (रोमियों 12:12) रहकर उसके निकट चलने को प्रेरित करता है l हम उसपर भरोसा कर सकते हैं l