हमारे बच्चों ने इदाहो की ठंडी सर्दियों में पीछे के आँगन में आइस-स्केटिंग दौड़ के रोमांच का आनंद उठाया है l बचपन में, स्केटिंग सीखना उनके लिए चुनौती थी : बर्फ के कठोर सतह पर जानबूझ कर पैर रखने के लिए उन्हें विवश करना कठिन था क्योंकि वे गिरने की पीड़ा जानते थे l हर समय उनके पैर फिसलने पर, हम दोनों पति-पत्नी उनको पैर पर सीधे खड़े होने औरउनके शरीर को सीधा करने में सहायता करते थे l
गिरने पर हमें उठानेवाले सहयोगी हाथ एक वरदान है जो सभोपदेशक की पुस्तक में दिखाई देता है l दूसरे के साथ मिलकर काम करना हमारे कार्य को और मधुर और अधिक प्रभावशाली बना देता है (4:9), और मित्र हमारे जीवनों को स्नेही बनाते हैं l चुनौतियों का सामना करते समय, किसी की व्यवहारिक और भावनात्मक सहायता से मदद मिलती है l ऐसे सम्बन्ध हमें शक्ति, उद्देश्य, और आराम देते हैं l
जब हम जीवन की कठिनायों के ठन्डे बर्फ पर खुद को पराजित पाते हैं, क्या कोई सहायता करनेवाला हाथ आपके निकट होता है? यदि हाँ, तो यह परमेश्वर की ओर से है l या जब किसी और को मित्र की ज़रूरत हो, क्या हम उनको उठाने के लिए परमेश्वर की ओर से उत्तर हैं? सहचर बनकर, हमें भी अक्सर सहयोगी मिल जाता है l यदि हमें उठाने वाला कोई नहीं है, हम इस बात में विश्राम पाते हैं कि परमेश्वर हमारा अति सहज से मिलनेवाला सहायक है (भजन 46:1) l जब हम उसे पुकारते हैं, वह अपनी मजबूत पकड़ से हमें थाम लेता है l
आप अपने जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति के लिए
खुद को और अधिक कैसे खोल सकते हैं?