लज्जा से आदर तक
यह साल का वह समय है, जब परिवार उत्सव के मौसम को एक साथ मनाने के लिए एकत्र होते हैं l हालाँकि हममें से कुछ लोग कुछ “चिन्ताशील” सम्बन्धियों से मिलने से डरते हैं जिनके प्रश्न अविवाहित या जिनके पास संतान नहीं है को यह महसूस करा देते हैं कि उनके साथ कुछ गड़बड़ है l
इलीशिबा की कल्पना करें, जो कई वर्षों तक विवाहित रहने के बावजूद भी निःसंतान थी l उसकी संस्कृति में, यह परमेश्वर के अपमान के संकेत के रूप में देखा जाता था (देखें 1 शमूएल 1:5-6) और वास्तव में लज्जाजनक समझा जाता था l इसलिए जबकि इलीशिबा धर्मी जीवन व्यतीत करती थी (लूका 1:6), उसके पड़ोसी और सम्बन्धी संभवतः अन्यथा संदेह करते होंगे l
फिर भी, इलीशिबा और उसके पति ने विश्वासयोग्यता से प्रभु की सेवा करते रहे l उसके बाद, जब वे काफी वृद्ध हो गए, एक आश्चर्यकर्म हुआ l परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना सुन ली (पद.13) l वह अपनी कृपा करना पसंद करता है (पद.25) l और यद्यपि वह विलम्ब करता हुआ दिखाई दे, उसका समय हमेशा सही होता है और उसकी बुद्धि हमेशा सिद्ध है l इलीशिबा और उसके पति के लिए, परमेश्वर के पास एक विशेष उपहार था : एक बच्चा जो उद्धारकर्ता का अग्रदूत होगा (यशायाह 40:3-5) l
क्या आप खुद को अयोग्य समझते हैं क्योंकि आपके पास कुछ कमी है – विश्वविद्यालय की डिग्री, पति या पत्नी, एक बच्चा, एक नौकरी, एक घर? इलीशिबा की तरह उसके लिए ईमानदारी से जीवन व्यतीत करते हुए उसके और उसकी योजना के लिए ठहरे रहें l हमारी स्थितियां मायने नहीं रखती हैं, परमेश्वर हममें और हमारे द्वारा कार्य कर रहा है l वह आपके हृदय को जानता है l वह आपकी प्रार्थना सुनता है l
आईने और सुननेवाले
जब मैं काम्पाला, यूगांडा, के अपने होटल से बाहर आया, हमारे सेमीनार के लिए मुझे लेने आयी मेरी परिचारिका ने मुझे एक अजीब मुस्कराहट से देखा l “मजाकिया क्या है?” मैंने पूछा l वह हंस कर पूछी, “क्या आपने अपने बाल में कंघी नहीं की?” अब मेरे हँसने की बारी थी, क्योंकि वास्तव में मैंने अपने बाल में कंघी नहीं की थी l मैंने अपने प्रतिबिम्ब को आईने में देखा था l जो मैंने देखा था उसपर ध्यान क्यों नहीं दिया?
व्यावहारिक समरूपता में, याकूब हमें वचन के अध्ययन को और लाभकारी बनाने हेतु कुछ उपयोगी आयाम देता है l जैसे हम खुद की जाँच करने के लिए आइना में देखते हैं कि कुछ सुधार तो नहीं चाहिए – बाल में कंधी, धुला चेहरा, शर्ट के लगे हुए बटन l आईने की तरह, बाइबल हमें अपना चरित्र, आचरण, विचार, और व्यवहार की जाँच करने में सहायता करती है (याकूब 1:23-24) l यह हमें अपने जीवन परमेश्वर के प्रगट सिद्धांतों के अनुकूल बनाने में सहायता करती है l हम “अपने जीभ पर लगाम” लगाएं (पद.26) और “ अनाथों और विधवाओं के क्लेश में उनकी सुधि लें” (पद.27) l हम अपने अन्दर वास करनेवाले परमेश्वर के पवित्र आत्मा की मानेंगे और अपने को “संसार से निष्कलंक” रखेंगे (पद.27) l
जब हम ध्यानपूर्वक “स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान” करते हैं और अपने जीवनों में लागू करते हैं, तो हम अपने कामों में आशीष पाएंगे (पद.25) l जब हम वचन के आईने में देखते हैं, हम नम्रता से ग्रहण कर सकते हैं जो हमारे “हृदयों में बोया गया” है (पद.21) l
सुन्दरता की पच्चीकारी(Mosaic)
इस्राएल के, इन करेम में चर्च ऑफ़ द विज़ीटेशन के आँगन में बैठे हुए, मैं सड़सठ पच्चीकारियों की सुन्दरता देखकर अभिभूत हो गयी, जिनपर लूका 1:46-47 के शब्द अनेक भाषा में अंकित थे l पारंपरिक रूप से इसे मरियम का भजन (Magnificat) कहा जाता है जिसका लतिनी में अर्थ है “महिमा करना l” यह उस घोषणा के प्रति मरियम का आनंददायी प्रतिउत्तर है कि वह उद्धारकर्ता की माँ होगी l
हर एक फलक(plaque) में मरियम के शब्द हैं : मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनंदित हई . . . . क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं” (पद.46-49) l टाइल्स पर उकेरा गया बाइबल का गीत प्रशंसा का गीत है जब मरियम खुद के लिए और इस्राएल राष्ट्र के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करती है l
परमेश्वर के अनुग्रह का कृतज्ञ प्राप्तकर्ता l मरियम अपने उद्धार में आनंदित होती है (पद.47) l वह मानती है कि परमेश्वर की करुणा इस्राएल के प्रति पीढ़ी से पीढ़ी तक रही है (पद.50) l इस्राएल के लिए परमेश्वर की देखभाल को स्मरण करके, मरियम अपने लिए और परमेश्वर के लोगों के लिए परमेश्वर के शक्तिशाली कार्यों की प्रशंसा करती है (पद.51) l वह परमेश्वर को उसके दैनिक प्रावधान के लिए भी धन्यवाद देती है (पद.53) l
मरियम हमें यह दिखाती है कि हमारे लिए परमेश्वर के महान कार्य प्रशंसा करने और आनंदित होने के लिए है l इस क्रिसमस के मौसम में, पूरे वर्ष की परमेश्वर की भलाइयों को याद करें l ऐसा करके, आप भी अपनी प्रशंसा के शब्दों द्वारा एक खूबसूरत स्मारिका बना सकते हैं l
स्वर्ग का लम्बा गीत
1936 में, गीत लेखक बिली हिल ने “द ग्लोरी ऑफ़ लव” नामक एक लोकप्रिय हिट गीत जारी किया l बहुत शीघ्र ही एक राष्ट्र एक दूसरे के लिए प्यार से छोटी चीजें करने की ख़ुशी के बारे में गा रहा था l पचास साल बाद, गीतकार पीटर कैटेरा ने एक समान शीर्षक के साथ एक और रोमांटिक गीत लिखा l उसने दो लोगों को हमेशा के लिए जीने की, साथ में जानने की कल्पना की, और उन्होंने सब कुछ प्रेम की महिमा के लिए किया l
प्रकाशितवाक्य, बाइबल की आखिरी पुस्तक, एक नया प्रेम गीत का वर्णन करती है जो किसी दिन स्वर्ग और पृथ्वी में सभी की आवाज़ में गाया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 5:9,13) l संगीत, हालाँकि, शोक के एक छोटे सुर से शुरू होता है l लेखक यूहन्ना, संसार के साथ सबकुछ गलत होने के कारण उत्तर नहीं मिलने पर रोता है (पद.3-4) l किन्तु जब यूहन्ना को असली महिमा और प्रेम की कहानी के विषय पता चलता है उसका मन खुश हो जाता है और वह संगीत उत्कर्ष तक पहुँचता है (पद.12-13) l जल्द ही वह समस्त सृष्टि को शक्तिशाली यहूदा के सिंह-राजा की प्रशंसा करते हुए सुनता है (पद.5), जिसने हमें बचाने के लिए प्रेम से खुद को एक भेड़ के रूप में बलिदान करके अपनी प्रजा के हृदयों को जीत लिया है (पद.13) l
सबसे मार्मिक गीत जो कभी गाया गया है, हम इसीलिए गीत में दयालुता के सरल कार्यों को सुनते हैं l जो महिमा हम गाते हैं वह परमेश्वर के हृदय को प्रतिबिंबित करता है l हम उसके विषय गाते हैं क्योंकि उसने हमें एक गीत दिया है l