तानी और मोदुप नाइजीरिया में पले बढ़े और 1970 के दशक में पढ़ने के लिए यूके आ गयेl जब परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा उनके जीवन व्यक्तिगत रीती से बदले तो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि परमेश्वर उन्हें इंग्लैण्ड के एक सबसे वंचित और जुदा समुदाय लिवरपूल के ऐनफील्ड में इस्तेमाल करेगाl जब डाक्टर तानी और मोदुप ओमिदेई ने विश्वासयोग्यता के साथ परमेश्वर को खोजा और अपने समुदाय के लिए सेवा-कार्य किया तो परमेश्वर ने फिर से बहुतों की आशा को बंधायाl वे एक जोशपूर्ण कलीसिया का नेतृत्व कर रहे हैं और निरंतर बहुत सी ऐसी परियोजनाएं चला रहे हैं जिनके कारण असंख्य जीवन बदले हैंl 

मनश्शे अपने समुदाय में बदलाव लाया, अर्थात पहले उन्हें बुराई की ओर, और फिर अच्छाई की ओर ले गयाl 12 वर्ष की आयु में यहूदा का राजा नियुक्त होने के बाद उसने इस्राएलियों को पथभ्रष्ट कर दिया और वे बहुत वर्षों तक बुराई करने में लगे रहे (2 इतिहास 33:1-9)l उन्होंने परमेश्वर की चेतावनियों की ओर कोई मन नहीं लगाया और इसलिए उसने यह होने दिया कि मनश्शे को बंदी बनाकर बाबुल को ले जाया जाए (पद 10-11)l

अपने कष्ट में, राजा ने अपने आपको दीन करते हुए परमेश्वर को पुकारा, जिसने उसकी पुकार को सुना और उसका राज्य उसे वापिस लौटा दिया (पद 12-13)l अब बिलकुल बदल चुके राजा ने शहरपनाह को फिर से बनाया और सब पराए देवताओं को अपने राज्य में से निकाल फेंका (पद 14-15)l “तब उसने यहोवा की वेदी की मरम्मत की और…यहूदियों को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की उपासना करने की आज्ञा दी” (पद 16)l जब लोगों ने मनश्शे के इस पूर्ण बदलाव को देखा तो वे भी बदल गये (पद 17)l

परमेश्वर करे कि जब हम उसे खोजते हैं तो वह हमारे जीवनों को बदले और ऐसा करके हमारे माध्यम से हमारे समुदायों पर प्रभाव डालेl