पिछले वर्ष, कुछ मित्रों ने और मैंने तीन महिलाओं की चंगाई के लिए प्रार्थना की, जो कैंसर के साथ संघर्ष कर रही थींl हम जानते थे कि परमेश्वर में ऐसा करने की सामर्थ थी और हम ने उससे ऐसा करने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना कीl हम ने बीते समय में उसे कार्य करते हुए देखा था और हमें विश्वास था कि वह ऐसा फिर से कर सकता थाl हम में से प्रत्येक के संघर्ष में ऐसे दिन आए, जिनमें ऐसा लगा कि चंगाई वास्तविकता में बदल गई है और हम सभी ने खुशी मनाईl परन्तु उस पतझड़ में उन सभी की मृत्यु हो गईl कुछ लोगों ने कहा कि यही “अन्तिम चंगाई” थी और एक तरह से यह थी भीl परन्तु फिर भी उस हानि ने हमें गहरा दुःख पहुँचायाl हम चाहते थे वह उन सभी को-यहीं और अभी-चंगा कर दे, परन्तु क्या कारण रहे यह हम कभी भी नहीं समझ पाए, कि कोई चमत्कार नहीं हुआl
कुछ लोग उन चमत्कारों के कारण, जो उसने किए और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करवाने के लिए यीशु के पीछे आए (यूहन्ना 6:2, 26)l कुछ लोगों ने उसे बस एक बढ़ई के पुत्र के रूप में देखा (मत्ती 13:55-58), और कुछ लोगों ने उससे उनके राजनीतिक अगुवे होने की आशा की (लूका 19:37-38)l कुछ लोगों ने उसे एक महान शिक्षक माना (मत्ती 7:28-29), जबकि कुछ लोगों ने उसके पीछे आना समाप्त कर दिया क्योंकि उसकी शिक्षा समझने में कठिन थी (यूहन्ना 6:66)l
यीशु अब भी हमारी उन सब अपेक्षाओं को हमेशा पूरा नहीं करता जो हम उससे रखते हैंl तौभी, वह हमारी कल्पना से बहुत बढ़कर हैl वह अनन्त जीवन प्रदान करने वाला है (पद 47-48) l वह भला और बुद्धिमान है; और वह प्रेम करता है, क्षमा करता है, हमारे निकट रहता है और हमें आराम प्रदान करता हैl ऐसा हो हम यीशु में जैसा वह है, वैसे में ही आराम प्राप्त करें और उसके पीछे चलते रहेंl
परन्तु हे यहोवा, मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा हैl भजन संहिता 31:14