मेरी बेटी स्कूल जाने के लिए सामान्य से थोड़ी देर पहले ही तैयार हो गई थी, इसलिए उसने पूछा कि क्या हम मार्ग में कॉफी की दूकान पर रुक सकते हैं l जिसपर मैं सहमत हो गईl जब हम उस दूकान पर पहुँचे, तो मैंने कहा, “क्या आज सुबह तुम कुछ खुशी फैलाना चाहोगी?” उसने कहा, “बिलकुल l”
हम अपना आर्डर देकर काउन्टर की ओर बढ़े तो कॉफ़ी के दूकानवाले ने हमें बताया कि हमें कितना भुगतान करना है l मैंने कहा, “हम अपने पीछे वाली लड़की के लिए भी भुगतान करना चाहते हैं l” मेरी बेटी के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट थी l
बड़ी-बड़ी चीज़ों में हो सकता है एक कप कॉफ़ी कोई बड़ी बात प्रतीत न हो l या यह हो भी सकती है? मुझे अचम्भा होगा कि क्या यह हमारे लिए उन लोगों की देखभाल करने के लिए यीशु की इच्छा को पूरा करना हो सकता है, जिन्हें उसने “छोटे से छोटा” कहा था? (मत्ती 25:40)l यहाँ एक विचार है : लाइन में हमारे पीछे या साथ वाले व्यक्ति को एक उपयुक्त व्यक्ति समझने के बारे में क्या विचार है? और उसके बाद “जो सही लगे” वह करो—हो सकता है यह एक कप कॉफ़ी हो या इससे कुछ अधिक हो या इससे कुछ कम हो l परन्तु जब यीशु ने कहा “तुम ने जो एक के साथ किया” (पद 40) यह हमें दूसरों की सेवा करने में उसकी सेवा करने की एक आज़ादी प्रदान करता है l
जब हम वहाँ से निकले हम ने अपने पीछे वाली महिला और बारिस्ता वाले के चेहरे को देखा जब उसने उस महिला के हाथ में वह कॉफी दीl दोनों के चेहरों पर एक बड़ी मुस्कुराहट थी l
जब हम लोगों की सेवा करते हैं तब हम मसीह की सेवा करते हैं l