“एकडायटम क्या है?” मैंने अपनी सहेली से पूछा। मैं उसके कंधे पर झुकी हुई उसके द्वारा सूक्ष्मदर्शी से खिचीं गयी तस्वीरों को उसके मोबाइल फ़ोन में देख रही थी l  “ओह, यह तो एकशैवाल है, परन्तु इसे देखना बहुत कठिन है। मेरी दोस्त ने मुझे बताया, “कई बार आपको लैंसों पर एक बूंद तेल की ज़रूरत होती है या उन्हें देखने के लिए उनका मृत होना आवश्यक है। मैं अचम्भित हो कर देखती रही, जब वह मुझे उन तस्वीरों को दिखा रही थी। मैं उनपेचीदाबातों पर विचार करने से अपने आप को रोक नहीं पाई जो परमेश्वर ने जीवन में डाली है जिसे हम मात्र सूक्ष्मदर्शी से ही देख सकते हैं!
परमेश्वर की सृष्टि और कार्य अनन्त हैं। अय्यूब की पुस्तक में, उसके मित्रों में से एक, एलीहू इसकी बात करता है जब अय्यूब अपने दुःख के साथ संघर्ष कर रहा था। एलीहू अपने मित्र को चुनौती देता है, “हे अय्यूब! इस पर कान लगा और सुन ले;चुपचाप खड़ा रह, और परमेश्‍वर के आश्‍चर्यकर्मों पर विचार कर। क्या तू जानता है, कि परमेश्‍वर कैसे अपने बादलों को आज्ञा देता,और अपने बादल की बिजली को चमकाता है?क्या तू घटाओं का तौलना,या सर्वज्ञानी के आश्‍चर्यकर्म जानता है?” (अय्यूब 37:14-16)। मनुष्यों के रूप में, हम परमेश्वर और उसकी सृष्टि की जटिलता को समझ नहीं सकते हैं।
 
यहाँ तक कि सृष्टि के वे हिस्से जिन्हें हम देख भी नहीं सकते परमेश्वर की महिमा और सामर्थ को दिखाते हैं। उसकी महिमा हमें घेरे रखती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम किस स्थिति में हैं, जब हम देख नहीं पाते और समझते नहीं हैं, परमेश्वर उस समय भी कार्य कर रहा होता है l आइए आज ही उसकी स्तुति करें क्योंकि “वह तो ऐसे बड़े काम करता है जिनकी थाह नहीं लगती,और इतने आश्‍चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जाते” (अय्यूब 5:9)।